नई दिल्ली: अमेरिकी विमान कंपनी लॉकहीड मार्टिन भारत को नए एफ-21 लड़ाकू विमान बेचने को तैयार है. लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने इसी के साथ एक शर्त भी रखी है, जिसमें कहा गया है कि अगर भारत उससे 144 लड़ाकू विमान खरीदने को तैयार हो जाता है तो वह दूसरे देशों को इन विमानों की बिक्री नहीं करेगी.
लॉकहीड मार्टिन के रणनीतिक एवं कारोबार विकास के उपाध्यक्ष विवेक लाल ने कहा कि अगर भारत, एफ-21 का अनुबंध करता है तो वह वैश्विक लड़ाकू विमानों के तंत्र का अहम हिस्सा बन जाएगा जो कि 165 अरब डॉलर का बाजार है.
लाल ने पीटीआई को दिए साक्षात्मकार में बताया कि एफ-21 लड़ाकू विमान को भारत की वायुसेना के हिसाब से तैयार किया गया है. ये वायु सेना के 60 से ज्यादा स्टेशनों से परिचालन के लिए डिजाइन किया गया है. इस विमान में सुपीरियर इंजन मैट्रिक्स, बेतरीन तकनीक के युद्धक क्षमता और रॉकेट की क्षमता शामिल है. उन्होंने कहा कि हम इस तकनीक के विमान दुनिया में किसी और को नहीं बेचेंगे.
इंडिया इसे हाल के वर्षों में सेना के सबसे बड़ी खरीद के तौर पर देखा जा रहा है. वायुसेना जिन विमानों के बारे में विचार कर सकती है, उसमें लॉकहीड का एफ-21, बोइंग का एफ/ए-18, दसॉल्ट एविएशन का राफेल, यूरोफाइटर टायफून, रूसी लड़ाकू विमान मिग 35 और साब का ग्रिपेन शामिल है.
लाल ने कहा कि भारत की ओर से एफ-21 विमान को खरीदने का अनुबंध होता है तो वह टाटा ग्रुप के साथ एफ-21 विमान का निर्माण केंद्र स्थापित कर सकता है. इस अनुबंध के साथ भारत रक्षा के क्षेत्र में बड़ी ताकत बनकर उभरेगा. एफ-21 और लॉकहीड के एफ 16 ब्लॉक 70 लड़ाकू विमानों में समानता से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि दोनों की तुलना नहीं की जा सकत है. दोनों ही विमान में जिस तकनीक का इस्तेमाल किया गया है वह अलग है.