रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा राज्य के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों विशेषकर बस्तर अंचल के अनुसूचित जनजाति वर्ग के रहवासियों और ग्रामीणजनों के उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए इनके विरूद्ध पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों की समीक्षा करने का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय के तहत बस्तर संभाग के सातों जिलों के अंतर्गत घटित 215 प्रकरणों की वापसी हो चुकी है।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री के भावनाओं के अनुरूप 8 मार्च 2019 को उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समीक्षा समिति का गठन किया गया था। समिति की पहली बैठक में आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज 313 प्रकरणों की वापसी की अनुशंसा की गयी। इनमें से बस्तर संभाग में घटित 215 प्रकरणों की वापसी हो चुकी है। राजनांदगांव के 98 प्रकरण न्यायालय में प्रक्रियाधीन है। पटनायक कमेटी की दूसरी बैठक के लिए 197 प्रकरणों की अनुशंसा की गई है, जिन पर अगली बैठक में निर्णय लिया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस महानिरीक्षक बस्तर एवं दुर्ग को निर्देशित किया गया है कि वे आदिवासियों के विरूद्ध यदि कोई प्रकरण हो तो उनकी सूची अनुशंसा सहित पुलिस मुख्यालय को भेजें।
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