भूमि पूजन: न्‍यूज चैनलों को पहले लेनी होगी मंजूरी

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अयोध्या
भगवान राम की नगरी में आगामी 5 अगस्‍त को राम मंदिर का भूमिपूजन होने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा कई बड़े नेता इस समारोह के साक्षी बनेंगे। कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर हैं। इस बीच जिला प्रशासन ने समारोह के लाइव कवरेज के लिए गाइडलाइन तय कर दी है। प्रशासन ने न्‍यूज चैनलों से कहा कि वे भूमि पूजन के दौरान यहां चर्चा पर आधारित जो भी कार्यक्रम प्रसारित करेंगे, उनमें अयोध्या भूमि विवाद मामले से जुड़ा कोई वादकारी (लिटिगेंट) शामिल नहीं होना चाहिए।

अयोध्‍या प्रशासन ने यह भी कहा कि भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान आयोजित न्‍यूज चैनल के कार्यक्रम में किसी व्यक्ति या धर्म के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं होनी चाहिए। समाचार चैनलों को कोई कार्यक्रम करने से पहले अनुमति लेनी होगी और प्रशासन को एक शपथपत्र भी देना होगा।
उप निदेशक, सूचना मुरलीधर सिंह ने कहा है कि हमने समाचार चैनलों को एक परामर्श जारी किया है। उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने के लिए मजिस्ट्रेट से पूर्व अनुमति लेनी होगी। साथ ही सीमित संख्या में पैनलिस्ट की अनुमति होगी और किसी भी प्रसारण या रिकॉर्डिंग में दर्शक या जनता को शामिल होने की अनुमति नहीं होगी।

कोरोना प्रोटॉकाल का सख्‍ती से करना होगा पालन
मुरलीधर सिंह ने कहा कि कार्यक्रम में एक मजिस्ट्रेट और पुलिस की तैनात की जाएगी और पैनलिस्ट और न्यूज चैनल के कर्मचारियों को कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना होगा। समाचार चैनलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि किसी भी धर्म या व्यक्ति के खिलाफ कोई टिप्पणी न की जाए और अयोध्या विवाद मामले के किसी भी पक्ष को आमंत्रित न किया जाए।

न चांदी की ईंट न ही टाइम कैप्‍सूल
इससे पहले, खबर आई थी कि मंदिर निर्माण के भूमि पूजन के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22.6 किलो का चांदी का ईंट रखेंगे। हालांकि, अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा ने इस बात को पूरी तरह से खारिज किया है। उन्होंने टाइम कैप्सूल रखने की बात से भी इनकार किया। इस पर राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से भी सफाई दी गई है।

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