वित्त मंत्री आज कुछ देर में बजट पेश करने वाली हैं। बजट की यह प्रक्रिया बेहद गुप्त होती है और सदन में पेश किए जाने से पहले इसकी एक भी जानकारी लीक नहीं हो इसके लिए तमाम कोशिश की जाती है। यहां तक कि संग होने वाली कैबिनेट की बैठक में शामिल होने वाले मंत्रियों के फोन तक बाहर रखवा लिए जाते हैं।
दरअसल, बजट बनाने की प्रक्रिया लंबी होती है और अगर बजट को कोई हिस्सा लीक हो जाए तो उसका बड़ा असर पड़ सकता है। इसलिए ये तमाम कोशिश बजट को गोपनीय बनाए रखने के लिए की जाती है। इस प्रक्रिया में शामिल लोगों पर भी निगरानी होती है। वित्त मंत्रालय ने 30 जनवरी को एक ट्वीट कर अपने एक अधिकारी कुलदीप कुमार शर्मा की तारीफ की थी। दरअसल, शर्मा के पिता का 26 जनवरी को निधन हो गया था, बाजवूद इसके वे घर नहीं गए। शर्मा वित्त मंत्रालय की प्रेस में डेप्युटी मैनेजर हैं। गौरतलब है कि जब तक बजट प्रक्रिया चलती है, इससे जुड़े अधिकारियों-कर्मचारियों को बाहर जाने की अनुमति नहीं होती है। शर्मा अब आज ही बाहर निकल सकते हैं।
बजट दस्तावेज बेहद गोपनीय
बजट का दस्तावेज बेहद गोपनीय होता है। इसे तैयार करने की प्रक्रिया के दौरान वित्त मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी से लेकर निचले स्तर के कर्मचारी समेत अन्य लोग दफ्तर में ही रहकर काम करते हैं। बजट दस्तावेज की गोपनीयता के लिए आखिरी वक्त पर उन्हें अपने परिवार से बात करने की भी इजाजत नहीं रहती है। इस दौरान बजट तैयार करने वाले और इसके प्रकाशन से जुड़े लोगों पर कड़ी नजर रखी जाती है। बजट प्रक्रिया में वित्त मंत्री का भाषण सबसे सुरक्षित दस्तावेज होता है। जिसे बजट घोषणा से सिर्फ दो दिन पहले ही छपने के लिए भेजा जाता है।