मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरे महंत और चंपत राय

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अयोध्‍या
लंबे इंतजार के बाद अयोध्‍या में भव्‍य राम मंदिर बनाने की दिशा में ने कदम आगे बढ़ा दिए हैं। अयोध्या के सबसे बड़े मठ मणिराम छावनी के को इस ट्रस्‍ट का अध्‍यक्ष और विश्‍व हिंदू परिषद (वीएचपी) के उपाध्यक्ष चंपत राय को महासचिव बनाया गया है। महंत नृत्‍य गोपाल दास 1984 से ही मंदिर आंदोलन से जुड़े हैं। उनकी अध्यक्षता में मंदिर कार्यशाला में राम मंदिर के लिए पत्थरों को तराशने का काम चला। विवादित ढांचा विध्वंस की घटना मे सीबीआई कोर्ट में उनपर आपराधिक धाराओं में केस चल रहा है। उनके मठ मणिराम छावनी में 500 साधुओं की जमात स्थाई तौर पर रहती है।

अमित शाह ने दूर की थी महंत की नाराजगी
इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्‍ट में महंत नृत्‍य गोपाल दास का नाम न शामिल होने पर संतों के एक गुट में नाराजगी फैल गई थी। मणिराम दास छावनी में अयोध्या के विधायक वेद प्रकाश गुप्ता, महापौर ऋषिकेश उपाध्याय और बीजेपी के महानगर अध्यक्ष अभिषेक मिश्रा को प्रवेश से रोक दिया गया था। इसके साथ ही राजनीतिक खेमे में भी हड़कंप मच गया था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्‍वयं बात कर महंत को आश्‍वासन दिया था, जिसके बाद उनकी नाराजगी दूर हुई।

अशोक सिंहल के विश्‍वासपात्र रहे चंपत राय
दूसरी ओर, ट्रस्‍ट के महासचिव बनाए गए चंपत राय ने अपने करियर की शुरुआत भौतिक विज्ञान के प्रवक्‍ता से की। वह बिजनौर के एक कॉलेज में लेक्‍चरर रहे। इसके बाद वह संघ से जुड़ गए और प्रचारक की जिम्मेदारी संभाली। 1984 से वीएचपी के तत्‍कालीन अध्यक्ष अशोक सिंहल के विश्‍वासपात्र सहयोगी के रूप में मंदिर आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाई। वह मंदिर आंदोलन की व्यवस्था और रणनीतिकारों के तौर पर जाने जाते हैं। वीएचपी की राम जन्म भूमि न्यास के मंत्री रहे हैं। मंदिर की अयोध्या ट्रस्‍ट का वित्तीय लेखा जोखा का नियंत्रण चंपत राय के हाथ में रहा है।


वीएचपी प्रवक्ता ने दी बधाई

वीएचपी प्रवक्ता शरद शर्मा ने महंत नृत्यगोपाल दास को ट्रस्‍ट का अध्‍यक्ष और चंपत राय को महासचिव बनाने का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि मंदिर आंदोलन का फल मिला। भव्य राम मंदिर निर्माण की शुभ घड़ी आ गई।

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