रायपुर: आज के इस आधुनिक युग में ऐसे हजारों सफल बिजनेस है जिसकी जानकारी आपको आसानी से इंटरनेट पर मिल जाएगी उन्हीं में से एक Biofloc मत्स्य पालन का अनूठा का तरीका है, जो कम खर्चीला तथा अधिक फायदेमंद है।
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इस तकनीक से किसान महज एक लाख रुपये खर्च कर प्रति वर्ष एक से दो लाख रुपए की कमाई कर सकते हैं। इस तकनीक में सिर्फ एक बार सीमेंट टैंक को बनाने में खर्च आता है। उसके बाद निर्देशों का पालन करने पर मछली पालन करने के छह महीने के बाद अच्छा मुनाफा मिलना शुरू हो जाता है।
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अब मछली पालन के लिए अब तालाब खुदवाने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि खेत या घर के आसपास 250 स्क्वायर फीट के सीमेंट के टैंक में मछली पालन कर सकते हैं। Biofloc system मछली पालक अपनाकर छोटी-सी जगह में छह से आठ माह में दो क्विंटल मछली तैयार कर सकते हैं। तैयार मछलियों का वजन आधा से एक किलो होगा, जिसे मार्केट में 100 से 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा सकता है।
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Biofloc system
मछली पालन अभी समुद्र, डैम और ताल-तलैया में होता आ रहा है। इसमें सिर्फ बड़े कारोबारी ही आगे आते हैं। इजराइल, इंडोनेशिया जैसे देशों में मछली के काफी शौकीन हैं। वहां कई परिवार मिलकर मछली पालन बायोफ्लॉक पद्धति से कर हैं।
https://youtu.be/7Zk0d58aYuQ
इस व्यवसाय में सबसे अधिक मछली के भोजन पर खर्च आता है। इसमें मछलियों के अपशिष्टों को भोजन में बदलने की तकनीक अपनाई जाएगी। इसके लिए बेनी फिशियल वैक्टीरिया डालेंगे, जिससे मछलियों के दाने पर आ रहा खर्च चौथाई हो जाएगा, जो कि अमूमन दिन भर में मछलियों को दो बार दाना डालना होता है। इसे अपनाने से एक बार ही दाना देना पड़ेगा, इसलिए जिस तरह से भारत में आधुनिक कृषि को बढ़ावा दिया जा रहा है।
https://youtu.be/NMAqYRxr5qc
Biofloc तकनीक अन्य योजनाओं की अपेक्षा कम खर्चीली व बेहतर उत्पादन देने वाली है। इसे मध्यम मछली पालक अपनाकर छोटी-सी जगह में छह से आठ माह में दो क्विंटल मछली तैयार कर सकते हैं। तैयार मछलियों का वजन आधा से एक किलो होगा, जिसे मार्केट में 100 से 200 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा सकता है।