जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रैटिक पार्टी () की चीफ छह महीने से ज्यादा समय से हिरासत में हैं। उनकी बेटी ने बुधवार को अपनी मां की हिरासत को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। बताते चलें कि 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधान समाप्त किए जाने के बाद से ही कई नेता हिरासत में हैं।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर जन सुरक्षा अधिनियम () लगाया गया है, जो बिना सुनवाई के दो साल तक हिरासत में रखने की अनुमति देता है। इल्तिजा मुफ्ती अपनी मां महबूबा मुफ्ती के ट्विटर अकांउट का संचालन करती हैं। सुप्रीम कोर्ट में अपील के बाद इल्तिजा मुफ्ती ने ट्वीट किया, ‘मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है…क्या मेरे हक में फैसला देगा।’
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले उमर अब्दुल्ला की बहन सारा अब्दुल्ला पायलट की याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री को हिरासत में रखे जाने को लेकर जम्मू-कश्मीर प्रशासन को 2 मार्च को जवाब दाखिल करने का नोटिस जारी किया था। उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पर 6 जनवरी को पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया। सांसद और तीन बार के पूर्व मुख्यमंत्री और उमर अब्दुल्ला के पिता फारूक अब्दुल्ला पर 16 सितंबर, 2019 को पीएसए के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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