अबु धाबी के शेख जायेद स्टेडियम में मुंबई की पारी के 17वें ओवर में यह घटना हुई, जब पोलार्ड पंजाब के पेसर मोहम्मद शमी का सामना कर रहे थे। ऑन-फील्ड अंपायर ने मुंबई के बल्लेबाज को LBW आउट दिया लेकिन इस अनुभवी क्रिकेटर ने तुरंत DRS लेने का फैसला किया।
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DRS लेने पर यह पता चला कि गेंद पैड पर लगने से पहले पोलार्ड के बल्ले का अंदरुनी किनारा लेकर गई थी। ऑन-फील्ड अंपायर ने आउट कर दिया था लेकिन बाद में उन्हें अपना फैसला बदलना पड़ा। इस गेंद पर पोलार्ड ने जो रन लिया था, वह आईसीसी के नियम के कारण हटा दिया गया।
क्या है नियमआईसीसी के नियम के अनुसार,”अंपायर के किसी निर्णय के उलटने का लाभ उठाने के दौरान बल्लेबाजी पक्ष को उस गेंद पर किसी भी रन से लाभ नहीं होगा जो ऑन-फील्ड अंपायर ने बाद में नॉट आउट दिया हो, किसी नो-बॉल के अलावा।’
पोलार्ड ने शमी की उस गेंद पर सिंगल लिया था, लेकिन वैध रन होने के बावजूद उनको या टीम को इसका लाभ नहीं मिल सका। भले ही डीआरएस में यह साबित कर दिया कि पोलार्ड ने एक शॉट मारा था, गेंद तो वैध मानी गई लेकिन रन को गिना नहीं गया।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कमेंटेटर आकाश चोपड़ा ने आईसीसी से नियम को ठीक करने का आग्रह करते हुए इस पर चर्चा की। उन्होंने ट्विटर पर एक पोस्ट में लिखा कि इस नियम पर पुनर्विचार की जरूरत है।
आईपीएल के 13वें सीजन में अभी तक 2 बार सुपर ओवर से फैसला हुआ है और यदि यह 1 रन उन दोनों में से किसी मैच में लिया गया होता तो जाहिर तौर पर बड़ा मुद्दा बन सकता था। अबु धाबी में कप्तान रोहित शर्मा के बाद कायरन पोलार्ड और हार्दिक पंड्या के तूफानी प्रदर्शन से मौजूदा चैंपियन मुंबई इंडियंस ने किंग्स इलेवन पंजाब को एकतरफा अंदाज में 48 रनों से हराया। इस जीत से टीम 3 मैचों में 2 जीत के बाद नेट रन रेट के आधार पर पॉइंट्स टेबल में टॉप पर पहुंच गई।
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