मुख्यमंत्री भूपेश ने पारंपरिक तरीके से की बैलों की पूजा, गेड़ी का लिया आनंद

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में आज हरेली के दिन से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सीएम हाउस से गोधन न्याय योजना की शुरूआत की है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पारंपरिक तरीके से बैलों की पूजा कर योजना का शुभारंभ किया। इस अवसर पर कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डहरिया भी मौजूद हैं।
हरेली छत्तीसगढ़ का सबसे प्रथम त्यौहार है। सीएम हाउस में आदर्श गौठान का मॉडल भी बनाया गया है। इसके साथ ही रईचूली (हवाई झूल) और छत्तीसगढ़ी लोक वाद्य यंत्रों की भी धूम है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जा रहा है।
बैलों की पूजा करने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने तुलसी चौंरा की भी पूजा की। इसके बाद खेतों में किसानों के सबसे प्रमुख साथी हल की भी पूजा की। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं किसान पुत्र हैं। उन्होंने इस अवसर पर गेड़ी का भी आनंद उठाया।
बता दें कि हरेली छत्तीसगढ़ के जन-जीवन में रचा-बसा खेती-किसानी से जुड़ा पहला त्यौहार है। इसमें अच्छी फसल की कामना के साथ खेती-किसानी से जुड़े औजारों की पूजा की जाती है और भरण पोषण के लिए आभार व्यक्त किया जाता है।
छत्तीसगढ़ की महत्वकांक्षी योजना नराव, गरूआ, घुरवा और बाड़ी के अंतर्गत गोधन न्याय योजना के तहत की शुरूआत की गई है। इस योजना के तहत सरकार पशुपालकों से 2 रूपए प्रति किलो की दर से गोबर की खरीदी करने जा रही है। प्राप्त गोबर से सरकार वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर किसानों को उपलब्ध कराएगी। इससे किसान आर्थिक रूप से समृद्ध होंगे और जैविक कृषि को भी बढ़ावा मिलेगा।

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