मुजफ्फरपुर की अगवा 'बेटी' के मुद्दे पर गरमाई सियासत, RJD ने नीतीश से पूछा सवाल

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पटना
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक व्यवसायी के घर पर डकैती और उनकी बेटी के अगवा किए जाने के मामले में हंगामा बढ़ता जा रहा है। घटना के करीब सात दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक अगवा बच्ची का पता लगाने में असफल रही है। हालांकि, पुलिस ने मामले में कुछ संदिग्धों को पकड़ा है और पूछताछ में जुटी हुई है। वहीं इस सनसनीखेज मामले में सियासी घमासान भी तेज होने लगा है। आरजेडी ने इस मुद्दे पर नीतीश सरकार को घेरा है। हालांकि, जब आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी से एनबीटी संवाददाता ने पूछा कि क्या वो इस मामले को चुनावी मुद्दा बनाएगी तो उन्होंने इस पर कोई जवाब नहीं दिया।

‘नीतीश सरकार में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों’आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि सुशासन का दंभ भरने वाले नीतीश सरकार को बताना चाहिए, उनके राज में अपराधियों के हौसले इतने बुलंद क्यों हैं? आरजेडी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार तो लालू-राबड़ी राज को जंगलराज बताने में देर नहीं लगाते, लेकिन अब तो घर में घुसकर बहू-बेटियों को उठाकर ले जाया जा रहा है। ऐसे में नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि उनके राज को क्या संज्ञा दी जाए।

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पुलिस की कार्यशैली पर भी आरजेडी नेता ने उठाए सवालआरजेडी नेता ने कहा कि घटना के 5 दिन बीतने के बाद भी पुलिस के खाली हाथ यह बताने के लिए काफी हैं कि अपराधियों के सामने पुलिस पस्त है। दूसरी ओर विपक्ष की ओर से किए जा रहे हमले के बीच सत्ताधारी दल के नेताओं ने इस मुद्दे पर बस इतना ही कहा कि जल्द ही मामले का खुलासा होगा और अपराधी पकड़े दबोचे जाएंगे।

BHU के छात्रों ने शुरू किया #FindBiharKiBeti कैम्पेनमुजफ्फरपुर से अगवा बच्ची की खोज को लेकर उत्तर प्रदेश में भी मुहिम छेड़ दी गई है। वाराणसी में ‘बिहार की बेटी’ के लिए BHU के छात्रों ने कैंपेन शुरू किया है। छात्रों ने इस मुहिम की शुरुआत ट्विटर से किया है और हैश टैग फाइंड बिहार की बेटी #FindBiharKiBeti के साथ लगातार ट्वीट किए जा रहे हैं। अब तक सैकड़ों छात्रों ने इस मुहिम के समर्थन में ट्वीट किया है। इसमें BHU के छात्र बिहार की नीतीश सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं।

मुजफ्फरपुर व्यवसायी के घर डकैती मामला
मुजफ्फरपुर के रामपुर साह गांव में डकैतों ने पिछले गुरुवार को एक व्यवसायी के घर धावा बोला था और उनकी बेटी को अगवा करके फरार हो गए थे। घटना के 7 दिन बाद भी पुलिस को अभी तक बच्ची का कोई सुराग नहीं मिला है। घटना के दो दिन बाद एफएसएल की टीम पीड़ित के घर पहुंची थी। उन्हें दरवाजे, अलमारी और बक्से से कुछ फिंगर प्रिंट जरूर मिले थे। पुलिस के अनुसार फिंगर प्रिंट से साफ होगा कि वारदात को अंजाम देने के दौरान कितने लोग वहां पर मौजूद थे। इस बीच कुछ संदिग्धों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।

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