आईपीएल-13 की शुरुआत 29 मार्च से होनी था, लेकिन इस महामारी के खतरे को देखते हुए 15 अप्रैल तक स्थगित करने का फैसला किया। इस बीच बीसीसीआई के एक अधिकारी ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के कारण आईपीएल में विदेशी क्रिकेटरों का हिस्सा लेना काफी मुश्किल नजर आ रहा है।
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करियर में 125 टेस्ट और 108 वनडे इंटरनैशनल मैच खेलने वाले गावसकर ने स्टारस्पोर्ट्स के लिए एक कॉलम में लिखा, ‘पहले भी कह चुका हूं कि कथित बीसीसीआई अधिकारी का यह कॉमेंट कि ‘बीसीसीआई सुनिश्चित करेगा कि आईपीएल की क्वॉलिटी ना गिरे और यह गरीबों वाला टूर्नमेंट नहीं लगे, हम इसे मुश्ताक अली टूर्नमेंट जैसा नहीं बनाना चाहते हैं।’ अगर यह बयान सही है तो काफी गलत है। यह उस क्रिकेटर का भी अपमान है जिनके नाम पर यह ट्रोफी खेली जाती है।’
70 वर्षीय गावसकर ने लिखा, ‘दूसरी बात यह है कि क्या यह गरीबों वाला टूर्नमेंट है? इस बारे में भी बताएं कि क्यों यह टूर्नमेंट गरीबों वाला है, सिर्फ इसलिए क्योंकि इसमें विदेशी खिलाड़ी नहीं खेलते, या इसलिए क्योंकि इसमें भारत के भी इंटरनैशनल क्रिकेटर हिस्सा नहीं लेते? इसकी वजह शेड्यूल है और बीसीसीआई को इस पर ध्यान देना चाहिए।’
उन्होंने साथ ही लिखा, ‘आईपीएल की शुरुआत, इस पर निर्भर करती है कि कितनी जल्दी कोरोना वायरस को फैलने से रोका जाता है। विदेशी क्रिकेटरों को फिलहाल 15 अप्रैल तक भारत आने के लिए वीजा नहीं मिलेगा। विदेशी खिलाड़ियों से लीग का रोमांच बढ़ता है, तो उनका खेलना जरूरी है।’