भारत ने इस टूर्नमेंट में दो स्वर्ण पदक भी अपने नाम किया था। सिमरन ने इस साल जुलाई में एक वीडियो में दिल्ली सरकार से उसके वादे के अनुसार उन्हें पुरस्कार राशि मुहैया कराने की अपील की थी ताकि वह फिर से अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकें। सिमरन को तुरंत दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ओर से कहा गया था कि उन्हें अगस्त तक पुरस्कार राशि मिल जाएगी। लेकिन अगस्त बीत जाने के बाद भी भारतीय महिला युवा पहलवान को अभी तक दिल्ली सरकार से पुरस्कार राशि नहीं मिली है।
सिमरन के पिता राजेश का कहना है कि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। राजेश ने कहा, ‘उन्होंने कुछ दिन पहले छत्रसाल स्टेडियम में अधिकारियों से मुलाकात की थी और अधिकारियों ने कहा था कि वादे के अनुसार उन्हें 31 अगस्त तक पुरस्कार राशि मिल जाएगी।’ राजेश ने कहा, ‘अब वे कह रहे हैं कि हमें पैसे मिलेंगे लेकिन वे कब (लॉकडाउन के कारण) वे पुष्टि नहीं कर सकते। वे कह रहे हैं कि सरकार निश्चित रूप से पैसा देगी, हालांकि, कब देगी, वे इसे लेकर प्रतिबद्ध नहीं हैं।’
इससे पहले, सिमरन ने एक वीडियो में कहा था, ‘उस समय सत्येन्द्र जैन ने मुझे आश्वासन दिया था कि मुझे सरकार से नकद पुरस्कार मिलेगा। लेकिन दो साल हो गए हैं और अब तक मुझे कोई मदद नहीं मिली है। मैंने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी इस बारे में अवगत कराने की कोशिश की, लेकिन मुझे अभी तक मेरे ईमेल का जवाब नहीं मिला है।’
उन्होंने कहा था, ‘मेरी खराब वित्तीय स्थिति के कारण मैं नियमित रूप से अभ्यास करने में सक्षम नहीं हूं। मैं दिल्ली सरकार से खेल कोटा के अनुसार अपना नकद पुरस्कार जारी करने की अपील करती हूं ताकि मैं फिर से अपनी ट्रेनिंग शुरू कर सकूं।’ सिमरन ने 2018 यूथ ओलिंपिक में न्यूजीलैंड, मोलदोवा, मिस्र और मंगोलिया की पहलवानों को हराकर अपने ग्रुप में टॉप किया था। हालांकि फाइनल में उन्हें अमेरिका की एमिली शिलसन से हार का सामना करना पड़ा था। सिमरन ने एशियाई चैंपियनशिप में एक, स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक अपने नाम किया था। इसके अलावा वह विश्व कैडेट चैंपियनशिप 2017 में कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही थीं।