हिंदी सिनेमा की यादगार फिल्म बनाने की ख्वाहिश थी
करण जौहर ने कहा कि जब वह यह फिल्म बना रहे थे तो उन्हें लगा कि वह हिंदी सिनेमा की बेहतरीन और यादगार फिल्म बना रहे हैं। जिसे अरसे तक याद रखा जाएगा। मसलन ‘मुगल-ए-आजम,’ आमिर खान की ‘लगान’ और फरहान अख्तर की ‘दिल चाहता है’ जैसा ही कुछ।
इन फिल्मों से ली थी हेल्पकरण जौहर ने कहा कि K3G में उन्होंने स्टोरीलाइन ‘कभी कभी’ से ली। इसके अलावा ‘हम आपके हैं कौन’ से उन्होंने फैमिली वैल्यूज को लिया था। उन्होंने कहा कि उम्मीद थी कि यह फिल्म लोगों को हमेशा याद रहेगी। लेकिन हकीकत इससे इतर रही है और यह फिल्म उनके मुंह पर तमाचे जैसी लगी। करण जौहर ने कहा कि फिल्म को लेकर काफी खराब रिस्पांस मिला था। रिव्यूज की बात करें तो वह भी काफी निराशाजनक था। यानी कि फिल्म को लेकर जितनी भी उम्मीदें थीं उन सबके ऊपर पानी फिर गया।
‘पू’ केवल बेबो और मुझे ही पसंद था
बात जब ‘कभी खुशी कभी गम’ में के किरदार ‘पू’ की आई तो करण ने कहा कि उस समय तो केवल उन्हें और बेबो यानी कि करीना को ही यह किरदार पसंद था। हालांकि आज तो ‘पू’ के कैरेक्टर पर गेम्स, मीम्स और न जानें कितनी लाइन्स लिखी गई हैं।
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