मैरी कॉम सहित 8 भारतीयों को तोक्यो का टिकट

1 min read

अम्मानछह बार की विश्व चैंपियन एमसी मैरी कॉम और विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता सहित अब तक आठ भारतीय मुक्केबाजों ने यहां जारी एशिया/ओसनिया ओलिंपिक क्वॉलिफायर में जीत दर्ज कर आगामी के लिए क्वॉलिफाइ कर लिया है। टूर्नमेंट की दूसरी सीड मैरी कॉम ने महिलाओं की 51 किग्रा भार वर्ग के क्वॉर्टर फाइनल में 28 साल की फिलिपींस की आइरिश मेगनो को एकतरफा मुकाबले में 5-0 से शिकस्त देकर दूसरी बार ओलिंपिक खेलने का अपना सपना पूरा किया।

वर्ल्ड नंबर-5 मैरी कॉम पहले राउंड में थोड़ी रक्षात्मक नजर आईं। लेकिन दूसरे राउंड में भी दोनों मुक्केबाजों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला और भारतीय मुक्केबाज ने अपनी बढ़त को कायम रखा। अनुभवी मैरी कॉम ने तीसरे और अंतिम राउंड में अपने अनुभव का पूरा फायदे उठाते हुए अपनी प्रतिद्वंद्वी पर लगातार आक्रमण करना जारी रखा और 5-0 से जीत अपने नाम करते हुए सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया। इस जीत के साथ मैरी कॉम ने तोक्यो ओलिंपिक के लिए भारत को अब तक सातवां ओलिंपिक कोटा दिला दिया है।

सेमीफाइनल में मैरी कॉम का सामना चीन की युआन चांग से होगा। पुरुष वर्ग में राष्ट्रमंडल खेल एवं एशियाई खेल चैंपियन टॉप सीड पंघाल ने 52 किग्रा के क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में दक्षिण एशियाई खेलों के चैंपियन फिलिपींस के कार्लो पालम को 4-1 से मात देकर सेमीफाइनल में अपनी जगह पक्की की। साथ ही, पहली बार ओलिंपिक खेलने का अपना सपना भी पूरा किया।

पंघाल शुरुआत से ही आक्रामक अंदाज में नजर आए और उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी पर आक्रमण करना जारी रखा और पहले राउंड में 3-2 की बढ़त बना ली। एशियाई खेलों के चैंपियन ने दूसरे राउंड में अपना आक्रमण बरकरार रखा और एक के बाद एक कई पंच लगाए। पंघाल ने दूसरे राउंड में 4-1 की शानदार बढ़त बना ली। भारतीय मुक्केबाज ने तीसरे और अंतिम राउंड में भी अपने हमले में कोई कमी नहीं आने दी। लगातार पंच लगाते हुए टोक्यो ओलम्पिक का टिकट कटा लिया।

विश्व रजत पदक विजेता ने जीत के बाद कहा, ‘मैं पहले भी इस मुक्केबाज के साथ खेल चुका था और जीत दर्ज कर चुका हूं। इसलिए हम उसी हिसाब से अपनी रणनीति बनाकर गए थे। हम राउंड दर राउंड आगे बढ़ते रहे। अब मैंने ओलिंपिक कोटा हासिल कर लिया है और मैं इससे बहुत खुश हूं।’

सेमीफाइनल में अमित का सामना रियो ओलिंपिक के ब्रॉन्ज मेडलिस्ट चीन के हु जियानगुआन से होगा। जियागुआन 2015 में विश्व चैंपियनशिप में और 2019 में एशियाई चैंपियनशिप में भी कांस्य पदक हासिल कर चुके हैं। पंघाल ने अपने अगले मुकाबले के बारे में कहा, ‘मैं चीन के मुक्केबाज के खिलाफ पहले भी खेल चुका हूं और जीत दर्ज कर चुका हूं। अब हमारा लक्ष्य यही रहेगा कि हम इस मुकाबले में भी जीत हासिल करें और फाइनल के लिए अपनी जगह बनाएं। आज मेरे चाचा राजनारायण पंघाल का जन्मदिन है और मैं अपना यह ओलिंपिक टिकट उन्हें समर्पित करता हूं।’

वहीं, मौजूदा विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता मनीष कौशिक को 63 किग्रा के एक करीबी क्वॉर्टर फाइनल मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा। टूर्नमेंट में तीसरी सीड और एशियाई खेलों के रजत पदक विजेता मंगोलिया के चिनजोरिंग बातारसुख ने मनीष को 3-2 से मात दी।

कॉमनवेल्थ गेम्स को सिल्वर मेडलिस्ट मनीष के पास इस हार के बावजूद अभी भी तोक्यो ओलिंपिक कोटा हासिल करने का मौका है। बॉक्स ऑफ बाउट के तहत 63 किग्रा में क्वॉर्टर फाइनल में हारने वाले मुक्केबाज को एक और मौका मिलता है। ऐसे में मनीष के पास अभी एक और मौका है। मनीष अब ओलिंपिक कोटा हासिल करने के लिए बुधवार को बॉक्स ऑफ बाउट के तहत ऑस्ट्रेलिया के हेरिसन गार्साइड से भिड़ेंगे।

इससे पहले, भारत की उभरती महिला मुक्केबाज साक्षी चौधरी को 57 किग्रा वर्ग के क्वार्टर फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। पूर्व यूथ विश्व चैंपियन साक्षी को दक्षिण कोरिया के एजी इम के खिलाफ एकतरफा मुकाबले में 0-5 से शिकस्त खानी पड़ी। इस हार के साथ ही साक्षी टोक्यो ओलम्पिक का टिकट पाने से चूक गईं। साक्षी ने 15 साल की उम्र में ही एआईबीए विश्व जूनियर महिला चैंपियनशिप के फाइनल में अमेरिकी नैशनल चैंपियन यारिसेल रमीरेज को मात देकर सनसनी फैला दी थी, लेकिन वह फिलहाल अपने करियर में पहली बार ओलिंपिक खेलने का सपना पूरा नहीं कर पाईं।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours