मॉनसून सत्र में कोविड, चीन विवाद व इकॉनमी को लेकर सरकार को घेरेगी कांग्रेस

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नई दिल्ली
कोविड चुनौती के बीच 14 सितंबर से होने जा रहा बेहद हंगामेदार होने जा रहा है। विपक्ष तमाम मुद्दों को लेकर सरकार को कठघरे में खड़े करने की तैयारी में है। इसी के मद्देनजर हाल ही में प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने आगामी सत्र को देखते हुए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देने का काम किया। कांग्रेस आगामी सत्र में इकॉनमी, कोविड 19 से निपटने में सरकार की ‘नाकामी’, भारत-चीन तनाव को लेकर मूल रूप से केंद्र को घेरेगी।

कांग्रेस ने इन मुद्दों को लेकर दूसरे विपक्षी दलों को भी टटोलने की कवायद शुरू की है। पार्टी इन मुद्दों पर तमाम विपक्षी दलों से बात कर एक साझी रणनीति बनाने की योजना बना रही है। सत्र से पहले तमाम विपक्षी दलों की एक साझा मीटिंग भी हो सकती है। ये तमाम ऐसे मुद्दे हैं, जिन्हें लेकर कांग्रेस पहले से ही सरकार पर सवाल उठाती आई है।

मॉनसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति को लेकर हाल ही में कांग्रेस का संसदीय मामलों के पैनल की मीटिंग हुई। इसमें पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश, राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, उपनेता आनंद शर्मा, सीनियर नेता अहमद पटेल, संगठन मंत्री के सी वेणुगोपाल, लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, उपनेता गौरव गोगोई व माणिकम टैगोर जैसे चेहरे शामिल थे। रोचक है कि कांग्रेस में चिठ्ठी कांड के साए में हुई हंगामेदार सीडब्ल्यूसी के बाद यह पहला मौका था, जब आजाद व शर्मा जैसे नेता अपने बाकी साथियों से मिले। दरअसल, ये दोनों चिठ्ठी लिखने वालों में थे।

सूत्रों के मुताबिक, कोविड-19 की नाकामी को लेकर कांग्रेस सरकार पर हमले की तैयारी में है। इसके तहत कांग्रेस कोविड को लेकर मोदी सरकार के किए गए तमाम दावों व लॉकडाउन जैसी चीजों को लेकर उसकी खिंचाई कर सकती है। वहीं कोविड के चलते देश में बिगड़ी इकॉनमी को लेकर भी सरकार को घेरा जाएगा।

एक अहम रणनीतिकार का कहना था कि इसके तहत जीडीपी की ऐतिहासिक गिरावट, देश में बदहाल असंगठित क्षेत्र, रोजगार की स्थिति, जीएसटी, राज्यों के पास फंड की कमी जैसे तमाम मुद्दों को उठाया जाएगा। वहीं भारत-चीन तनाव के बहाने देश की संप्रभुता व सुरक्षा का मुद्दा भी अहम होगा। सूत्रों के मुताबिक, यह मुद्दा राज्यसभा में पहले उठ सकता है।

हाल ही में भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया में फेसबुक की भूमिका को लेकर सामने आईं अंतरराष्ट्रीय मीडिया की रिपोर्ट्स का विवादित मुद्दा एक बार फिर संसद सत्र में हंगामा पैदा करेगा। इसे लेकर कांग्रेस व टीएमसी जैसे विपक्षी दलों ने फेसबुक को लेटर भी लिखे हैं। फेसबुक का मुद्दा लोकसभा में पहले उठाए जाने की तैयारी है।

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