मौलाना की धमकी, मंदिर तोड़ मस्जिद बनेगी

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नई दिल्ली/अयोध्या
अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन एवं शिलान्यास के एक दिन बाद ऑल इंडिया इमाम असोसिएशन का भड़काऊ बयान सामने आया है। असोसिएशन के अध्यक्ष साजिद रशीदी ने कहा है कि राम मंदिर को तोड़कर वहां मस्जिद बनाई जाएगी। उन्होंने यह भी कहा है कि विवादित स्थल पर कभी मंदिर नहीं था। वहां बाबरी मस्जिद थी और मस्जिद ही रहेगी।

रशीदी ने कहा, ‘इस्लाम कहता है कि मस्जिद हमेशा मस्जिद ही रहेगी। कुछ और निर्माण करने के लिए मस्जिद को तोड़ा नहीं जा सकता।’ उन्होंने कहा, ‘हमारा मानना है कि बाबरी मस्जिद वहां थी और वह हमेशा मस्जिद के रूप में वहां रहेगी। मंदिर को गिराकर वहां मस्जिद नहीं बनाई गई थी लेकिन अब अब ऐसा हो सकता है। मंदिर गिराकर वहां फिर से मस्जिद बनाई जाएगी।’

पीएम मोदी पर भी साधा निशाना
इतना ही नहीं साजिद रशीदी ने आगे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राम मंदिर के भूमि पूजन में जाकर संविधान का उल्लघंन किया है। उनके इस बयान को लेकर नया विवाद हो गया है। हालांकि कहा जा रहा है कि साजिद रशीदी मौलाना नहीं है, वह एक ट्रैवल एजेंट है।

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी दी थी धमकी
भूमि पूजन के एक दिन पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड () ने भी इसी तरह का भड़काऊ बयान जारी किया था। बोर्ड ने कहा था कि बाबरी मस्जिद कल भी थी, आज भी है और कल भी रहेगी। मस्जिद में मूर्तियां रख देने से या फिर पूजा-पाठ शुरू कर देने या एक लंबे अर्से तक नमाज पर प्रतिबंध लगा देने से मस्जिद की हैसियत खत्म नहीं हो जाती। हमारा हमेशा यह मानना रहा है कि बाबरी मस्जिद किसी भी मंदिर या किसी हिंदू इबादतगाह को तोड़कर नहीं बनाई गई। हालात चाहे जितने खराब हों हमें हौसला नहीं हारना चाहिए। बोर्ड की तरफ से भी मंदिर गिराकर मस्जिद बनाने की चेतावनी दी गई थी।

पीएम ने किया भूमि पूजन
आपको बता दें कि राम मंदिर के निर्माण का भूमि पूजन 5 अगस्त को किया गया। भूमि पूजन पीएम नरेंद्र मोदी ने किया था। मंदिर को बनने में तीन से साढ़े तीन साल का समय लगेगा। मंदिर के भूमि पूजन को लेकर और पीएम के कार्यक्रम में आने के लेकर कई लोगों ने निशाना भी साधा।


नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने किया था फैसला
पिछले साल नवंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या के विवादित स्थल को राम जन्मभूमि का माना था। सुप्रीम कोर्ट ने राम लला मंदिर के लिए 2.77 एकड़ जमीन आवंटित की थी। वहीं मस्जिद के लिए कहीं और जमीन आवंटित करने के लिए यूपी सरकार को कहा था।

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