पाकिस्तान: हमारे देश में लड़की के शादी करने की उम्र 18 साल तय की गई है लेकिन जनाब पाकिस्तान में पीरियड के आधार पर तय किया जाता है कि लड़की बालिग है कि नहीं। जी हां, हाल ही मेें हमारे पड़ोसियों ने ऐसी मिसाल पेश की है कि आप भी सुन कर सकपका जाएंगे।
हमारे देश में लड़की के शादी करने की उम्र 18 साल तय की गई है लेकिन जनाब पाकिस्तान में पीरियड के आधार पर तय किया जाता है कि लड़की बालिग है कि नहीं। जी हां, हाल ही मेें हमारे पड़ोसियों ने ऐसी मिसाल पेश की है कि आप भी सुन कर सकपका जाएंगे।
14 अक्टूबर 2019 को कथित किडनैपिंग की घटना के बाद से हुमा के पैरेंट्स उससे नहीं मिल पाए हैं। इस मामले की सुनवाई सिंध हाई कोर्ट के जज मुहम्मद इकबाल कलहोरो और इरशाद अली शाह कर रहे हैं। इसी हफ्ते मामले की सुनवाई करते हुए जजों ने कहा कि अगर हुमा का पहला पीरियड आ चुका है तो इस्लामिक शरिया कानून के तहत उसे बालिग समझा जाएगा और अब्दुल जब्बार से उसकी शादी वैध मानी जाएगी। क्योंकि अब हुमा का कहना है कि उसने बिना किसी दबाव और खुद की इच्छा से शादी की है।
हालांकि, 2 जजों की बेंच की टिप्पणी से हुमा के पैरेंट्स को झटका लगा है। हुमा के पिता यूनुस मसीह ने कहा कि हमें झटका लगा है कि जजों ने हमारे सबूतों पर विचार नहीं किया और शादी को सही ठहराने के लिए शरिया कानून का हवाला दिया।
हाई कोर्ट ने अभी आखिरी फैसला नहीं सुनाया है। कोर्ट ने तीन फरवरी को मामले की सुनवाई करने के बाद अधिकारियों को हुमा की उम्र तय करने के लिए और समय दिया। अब इस मामले की सुनवाई 3 मार्च 2020 को होगी।