ये 7 महानगर संभले तो कोरोना की होगी छुट्टी!

1 min read

नई दिल्ली
देश में कोरोना के कुल मामले साढ़े तीन लाख के करीब पहुंच गए हैं। इसमें से डेढ़ लाख से ज्यादा मामले देश के सात बड़े महानगरों के हैं। इनमें दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद जैसे शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। वहीं, बेंगलुरु और हैदराबाद दो ऐसे शहर हैं, जहां कोरोना के मामले हजार के पार भी नहीं गए हैं। ऐसे में कोरोना से देश को बचाने के लिए सबसे ज्यादा ध्यान इन्हीं बड़े शहरों पर देने की जरूरत है। बेंगलुरु ने इस मामले में सबको दिशा दिखाई है और बड़ी जनसंख्या होने के बाद भी कोरोना को काफी हद तक काबू में रखा है।

मंगलवार तक देश में कोरोना के कुल मामले 3,43,090 तक पहुंच गए हैं। इसमें से 9900 लोगों की मौत हो गई है। अभी तक 180012 लोग ठीक होने के बाद डिस्चार्ज भी किए जा चुके हैं और कुल 153178 लोगों का इलाज देश के अलग-अलग अस्पतालों में चल रहा है। इसमें से कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो होम क्वारंटीन में ही इलाज करवा रहे हैं। देश में कोरोना से रिकवरी का रेट अब 52.47 पर्सेंट है।

डरा रही मुंबई और दिल्ली
कोरोना से सबसे बुरा हाल दिल्ली और मुंबई में है। सिर्फ इन्हीं दो शहरों को मिलाकर ही कोरोना के मरीजों की संख्या एक लाख के पार हो जाती है और मौतों की कुल संख्या साढ़े तीन हजार से ज्यादा है। दिल्ली में सोमवार तक कुल मरीजों की संख्या 42829 थी, जिसमें से 16427 मरीज ठीक हो चुके थे और 1400 की मौत हो चुकी है। वहीं मुंबई में कुल मरीजों की संख्या 59293 है, जिसमें से 2250 की मौत हुई है और कुल 30125 ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं।

अहमदाबाद और चेन्नै का भी बुरा हाल
गुजरात के अहमदाबाद और तमिलनाडु की राजधानी चेन्नै में भी कोरोना से हालत खराब है। चेन्नै में कोरोना मरीजों की संख्या 30 हजार के पार पहुंच जाने के बाद प्रशासन जागा है। अब स्वास्थ्य सचिव को बदला गया है और प्रशासनिक स्तर पर बड़े बदलाव के बाद 19 से 30 जून तक लॉकडाउन भी लागू किया जा रहा है। दूसरी तरफ अहमदाबाद में कोरोना से मौत का आंकड़ा ज्यादा है। अहमदाबाद में कुल 16967 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, जिसमें से 120 लोगों की मौत हो गई है। कुल 11,811 लोग ठीक भी हुए हैं। वहीं, चेन्नै में कुल मरीजों की संख्या 33,244 थी, जिसमें से 382 की मौत हो गई और 17476 ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं। बंगाल की राजधानी कोलकाता में कोरोना मरीजों की संख्या 3776 है। यहां भी मौत का औसत ज्यादा है और कुल 297 की जान चली गई है। कोलकाता में कुल 1486 मरीज ठीक भी हुए हैं।

बेंगलुरु और हैदराबाद ने तोड़ी कोरोना की कमर
भारी जनसंख्या, भीड़भाड़ वाले इलाके और अस्पतालों की कमी जैसे फैक्टर हैदराबाद और चेन्नै के आगे फीके पड़ गए हैं। बेहतर मैनेजमेंट, कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और लार्ज स्केल स्क्रीन के साथ-साथ शुरुआती स्तर पर ही आइसोलेशन और क्वारंटीन की व्यवस्था ने इन दोनों शहरों को सबसे आगे रखा है। हैदराबाद जैसे बड़े शहर में कोरोना के कुल 731 केस सामने आए हैं, जिसमें से 138 ठीक हो चुके हैं और कुल 18 की मौत हो गई है। वहीं, कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कुल 763 केस सामने आए हैं और 289 ठीक भी हो गए हैं। बेंगलुरु में सिर्फ 35 की मौत हुए हैं।

ये आंकड़े बताते हैं कि कोरोना को रोकने के लिए शुरुआती स्तर पर ही स्क्रीनिंग और लक्षण दिखने के बाद आइसोलेशन जरूरी है। दिल्ली और मुंबई जैसे शहर इस काम में पिछड़े हैं, जिसका नतीजा है कि वहां कोरोना हर दिन नया रेकॉर्ड बना रहा है। वहीं, बेंगलुरु जैसे शहर ने ऐसा मॉडल तैयार किया है, जिससे कोरोना के नए मामलों में तो कमी आई ही है, कम से कम लोगों की जान गई है।

You May Also Like

More From Author

+ There are no comments

Add yours