उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बिजनौर से गंगा यात्रा का शुभारंभ किया। पांच दिनों तक चलने वाली यह यात्रा दो रूट से निकाली जा रही है। पहली बिजनौर से कानपुर और दूसरी बलिया से कानपुर। बलिया में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यात्रा का आगाज किया। इस दौरान बिहार के डेप्युटी सीएम सुशील कुमार मोदी और यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही भी मौजूद रहे।
सीएम ने दिखाई हरी झंडी, संतों ने किया पूजन
बिजनौर में सीएम योगी ने गंगा का आचमन करते हुए इस यात्रा की शुरुआत की। मुख्यमंत्री ने यात्रा को पूजा-अर्चना के बाद हरी झंडी दिखाई। सीएम से पहले संत-महंतों ने गंगा पूजन किया। हरिद्वार, शुक्रताल और बिजनौर के 101 पंडित और तीन गुरुकुल की विदुषी गंगा पूजन कार्यक्रम में शामिल हुए। सीएम योगी ने भारत माता की जय और गंगा मैया की जय के साथ अपना संबोधन शुरू किया। सीएम ने कहा कि कानपुर में गंगा पूरी तरह से प्रदूषित थी। कानपुर से आगे गंगा नाला बनकर रह गई थी। प्रधानमंत्री के प्रयासों से कानपुर से आगे गंगा निर्मल हो गई है।
गंगा आस्था भी और अर्थव्यवस्था भी: योगी
सीएम ने इस दौरान कहा, ‘गंगा हमारी आस्था भी है और अर्थव्यवस्था भी। हजारों वर्षों से मां गंगा हर भारतवासी को तारने का कार्य कर रही है। गंगा बेसिन का क्षेत्र दुनिया का पेट भरने की क्षमता रखता है। गंगा के इस क्षेत्र में 40 प्रतिशत जगह पर गंगा निवास करती है, जिससे यहां के किसानों को काफी लाभ मिल रहा है।’
गंगा में शव प्रवाहित नहीं करने की अपील
सीएम ने इस दौरान लोगों से गंगा में शव प्रवाहित नहीं करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कोई भी पशु मरता है तो उसे गंगा में न फेंकें। प्रत्येक व्यक्ति का दायित्व बनता है कि गंगा में कोई नाला न गिरे। सीएम ने कहा कि सभी साथ आगे बढ़ेंगे तो हम प्रधानमंत्री की नमामि गंगे परियोजना को सफल बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि पहले कांवड़ यात्रा रोक दी जाती थी, लेकिन हमने कहा कांवड़ यात्रा नहीं रुकेगी। बल्कि फूलों की वर्षा कराई जो आगे भी जारी रहेगी।
‘गंगा को निर्मल बनाने के लिए काम करे हर किसान’
सीएम ने कहा, ‘गंगा किनारे के गांव में जनप्रतिनिधि प्रवास करेंगे। फलदार पेड़ लगाने के साथ ही गंगा तालाब, गंगा मैदान, गंगा पार्क और गंगा नर्सरी बनाए जाएंगे। हर गांव, हर किसान का दायित्व होगा कि वह गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए काम करे। प्रदेश की कानून-व्यवस्था मजबूत हुई है। प्रदेश में कोई गुंडई नहीं कर सकता। पांच सौ साल से चल रहा अयोध्या विवाद समाप्त हो गया है।’
नहीं पहुंच सके उत्तराखंड के सीएम
इस आयोजन में खराब मौसम के चलते उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत नहीं पहुंच सके। कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, गाजियाबाद के सांसद और केंद्रीय मंत्री वीके सिंह, संजीव बालियान के अलावा यूपी सरकार के वेस्ट यूपी के ज्यादातर मंत्री मंच पर रहे। वेस्ट यूपी के बीजेपी अध्यक्ष अश्विनी त्यागी भी कार्यक्रम में मौजूद रहे।
बलिया में गवर्नर आनंदीबेन ने किया शुभारंभ
बलिया में यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने यात्रा का शुभारंभ किया। राज्यपाल ने दुग्धाभिषेक के अलावा गंगा आरती भी की। कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडे ने भी शिरकत की। इस दौरान यात्रा के रथ पर सुशील मोदी और सूर्य प्रताप शाही भी सवार हुए। बलिया से दुबे छपरा के रास्ते गंगा यात्रा गंगापुर पहुंची। यहां स्कूली बच्चों ने यात्रा का स्वागत किया।
पहले दिन हस्तिनापुर में रात्रि विश्राम
27 से 31 जनवरी तक चलने वाली गंगा यात्रा के दो रूट हैं। बिजनौर से कानपुर तक निकलने वाली गंगा यात्रा पहले दिन मेरठ जिले के हस्तिनापुर में रात्रि विश्राम करेगी। 28 जनवरी को उपमुख्यमंत्री डॉक्टर दिनेश शर्मा, केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति और केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान आरती करने के बाद यात्रा को आगे के लिए रवाना करेंगे।
क्या है गंगा यात्रा
देश के 87 विधानसभा क्षेत्रों, 26 लोकसभा क्षेत्रों और 27 जिलों से गुजरेगी। दोनों यात्राएं सड़क मार्ग से 1,238 और नाव से 150 किमी की दूरी तय करेंगी। गंगा यात्रा के नोडल विभाग जलशक्ति के मंत्री डॉक्टर महेन्द्र सिंह ने बताया कि पृथ्वी पर गंगा का कुल बहाव 2,525 किलोमीटर है। इसमें 1,140 किलोमीटर लंबा क्षेत्र उत्तर प्रदेश में है।
गंगा के किनारे 1,040 ग्राम पंचायत, 1,656 राजस्व गांव और 21 नगरीय निकाय हैं। ये 87 विधानसभा क्षेत्रों, 26 लोकसभा क्षेत्रों और 27 जिलों में पड़ते हैं। बलिया से कानपुर तक 657 और बिजनौर से कानपुर तक 581 किलोमीटर की यात्रा सड़क मार्ग से होगी। 150 किलोमीटर यात्रा जल मार्ग से होगी। यात्रा का शुभारंभ गंगा पूजन व गंगा आरती से होगा। हर रोज गंगा पूजन से यात्रा शुरू होगी। हर रोज गंगा पूजन से यात्रा शुरू होगी। इस दौरान घंटे, घड़ियाल और पुष्पवर्षा से यात्रा का स्वागत होगा।
यह है रूट
27 जनवरी- बिजनौर बैराज से मुजफ्फरनगर के रामराज और मेरठ के हस्तिनापुर
28 जनवरी- मेरठ के हस्तिनापुर से हापुड़ के बृजघाट, अमरोहा के तिगरी और बुलंदशहर के अनूपशहर में बसीघाट
29 जनवरी- बुलंदशहर के बसीघाट से अलीगढ़ के संकरा, संभल के गुन्नौर, बदायूं के कछलाघाट, शहाजहांपुर के ढाईघाट चौराहा, कासगंज के लहराघाट और फर्रुखाबाद के पांचाल घाट
30 जनवरी- फर्रुखाबाद के पांचालगाट से कन्नौज के केके बोर्डिंग ग्राउंड, हरदोई के राजघाट
31 जनवरी- बिठूर कानपुर बैराज (समापन)
(बलिया से एनबीटी संवाददाता से मिले इनपुट के साथ)