दिल्ली/लखनऊ/बरेलीकोरोना के इस संकट काल के बीच कल से देश में का पाक महीना शुरू हो जा रहा है। दिल्ली की फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम डॉ. मुफ्ती मुकर्रम ने शुक्रवार शाम को ऐलान किया है कि देख लिया गया है। शनिवार को रोजेदार पहला रोजा रखेंगे। इसके अलावा दिल्ली की जामा मस्जिद की ओर से भी रमजान के चांद का दीदार होने का ऐलान कर दिया गया है। उधर, बरेली मरकज ने भी शुक्रवार को रमजान का चांख देखने की घोषणा करते हुए 25 अप्रैल से रोजा रखने की बात कही है।
मरकजी चांद कमेटी (लखनऊ) के प्रेसिडेंट मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी शुक्रवार को रमजान का चांद दिखने का ऐलान किया है। महली ने कहा कि रमजान के पाक महीने में सभी देश व समाज से कोरोना की मुक्ति के लिए घर में ही दुआ करें। इफ्तारी की रकम से गरीबों को मजलूमों को भोजन कराएं। शारीरिक दूरी को कायम रखने के लिए सभी लोग घरों में नमाज अदा करें। मस्जिद में रहने वाले ही मस्जिद में नमाज अदा करें।
जाने रमजान का महत्व इस्लामी चन्द्र कैलेंडर के नौंवे महीने को रमदान अल मुबारक या रमदान कहा जाता है। इस पूरे महीने में दुनिया भर के मुसलमान रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान दिनभर रोजेदार खाना या पानी किसी भी चीज का सेवन नहीं करते हैं। माना जाता है कि इसे रखने से रोजेदार की आत्मा की शुद्धि और अल्लाह की तरफ पूरा ध्यान केंन्द्रित होता है। माना जाता है कि रोज रखने वाला व्यक्ति न तो गलत बात कर सकता है और न ही झूठ बोल सकता है। साथ ही रोजेदार किसी की बुराई भी नहीं कर सकता है। रमजान की रौनक गायब रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए काफी अहमियत रखता है। रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग कपड़े, इत्र और गहनों की खरीददारी करते हैं। बाजारों में काफी भीड़-भाड़ और रौनक देखने को मिलती है। मगर, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस साल रमजान के महीने में बाजारों में दिखने वाली रौनक नदारद रहेगी। सरकार ने मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों से अपील कर रही है कि वह घर पर रहकर ही नमाज अदा करें। साथ ही सेहरी का प्रबंध भी सामूहिक जगहों पर न करें। रोजेेदारों से लॉकडाउन का उल्लंघन न करने की अपील की जा रही है।
मरकजी चांद कमेटी (लखनऊ) के प्रेसिडेंट मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने भी शुक्रवार को रमजान का चांद दिखने का ऐलान किया है। महली ने कहा कि रमजान के पाक महीने में सभी देश व समाज से कोरोना की मुक्ति के लिए घर में ही दुआ करें। इफ्तारी की रकम से गरीबों को मजलूमों को भोजन कराएं। शारीरिक दूरी को कायम रखने के लिए सभी लोग घरों में नमाज अदा करें। मस्जिद में रहने वाले ही मस्जिद में नमाज अदा करें।
जाने रमजान का महत्व इस्लामी चन्द्र कैलेंडर के नौंवे महीने को रमदान अल मुबारक या रमदान कहा जाता है। इस पूरे महीने में दुनिया भर के मुसलमान रोजे रखते हैं। रोजे के दौरान दिनभर रोजेदार खाना या पानी किसी भी चीज का सेवन नहीं करते हैं। माना जाता है कि इसे रखने से रोजेदार की आत्मा की शुद्धि और अल्लाह की तरफ पूरा ध्यान केंन्द्रित होता है। माना जाता है कि रोज रखने वाला व्यक्ति न तो गलत बात कर सकता है और न ही झूठ बोल सकता है। साथ ही रोजेदार किसी की बुराई भी नहीं कर सकता है। रमजान की रौनक गायब रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए काफी अहमियत रखता है। रमजान के पूरे महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग कपड़े, इत्र और गहनों की खरीददारी करते हैं। बाजारों में काफी भीड़-भाड़ और रौनक देखने को मिलती है। मगर, कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस साल रमजान के महीने में बाजारों में दिखने वाली रौनक नदारद रहेगी। सरकार ने मुस्लिम कम्युनिटी के लोगों से अपील कर रही है कि वह घर पर रहकर ही नमाज अदा करें। साथ ही सेहरी का प्रबंध भी सामूहिक जगहों पर न करें। रोजेेदारों से लॉकडाउन का उल्लंघन न करने की अपील की जा रही है।