पुरुषों को भी लगता है डर
राजीव खंडेलवाल से पूछा गया कि हाल ही में उन्होंने एक जानेमाने फिल्ममेकर के बारे में अपना अनुभव शेयर किया था। क्या वह इस पर खुलकर बता सकते हैं?
इस पर राजीव ने जवाब दिया कि पुरुषों को भी अपने मीटू जैसे अनुभवों पर बोलने में महिलाओं जितना ही डर लगता है। उनके मुंह से यह बात तब सामने आई जब कहा गया कि महिलाओं पर कितना असर पड़ता है। इस पर उन्हें बताना पड़ा कि पुरुष पर भी उनता ही असर पड़ता है।
फिल्म साइन करने के लिए बुलाया ऑफिस
उन्होंने बताया जब उन्होंने फिल्मों में काम करना शुरू नहीं किया था तब एक सुपर डायरेक्टर ने राजीव को फिल्म ऑफर की थी। उसने फिल्म साइन करने के लिए ऑफिस बुलाया। ऑफिस उनके ही घर पर था। अगली बार उसने ऑफिस से अपने कमरे पर बुलाया।
भड़क गया डायरेक्टर
डायरेक्टर ने राजीव को वहां बैठाकर स्टोरी न बताने का फैसला लिया बल्कि पूछा कि क्या वह एक गाना सुनकर फैसला ले सकते हैं कि उन्हें फिल्म करनी है या नहीं? राजीव बताते हैं कि उन्हें लगा कि उन्हें स्क्रिप्ट मिलनी चाहिए। इस पर वह डायरेक्टर नाराज हो गया। राजीव को उल्टा-सीधा भी कहा।
जब हुआ गड़बड़ का अहसास
दूसरी मीटिंग तक राजीव को अहसास हो चुका था कि चीजें ठीक नहीं हैं। सिचुएशन थोड़ी फनी भी हो गई। राजीव कहते हैं, मुझे अहसास हो चुका था कि कोई लड़की होती तो उसे कैसा फील होता।
राजीव को दी धमकी
डायरेक्टर ने उनसे कमरे में चलने को कहा जिस पर राजीव ने मना कर दिया। राजीव ने उनसे कह दिया कि मेरी गर्लफ्रेंड इंतजार कर रही है ताकि वह समझ जाएं कि राजीव स्ट्रेट हैं। इसके बाद उस डायरेक्टर ने राजीव को धमकाया भी कि तुम टीवी में काम करने वाले नए लड़के हो और मुझे मना कर रहे हो?
ऑफर की 2 फिल्में
बाद में उस डायरेक्टर ने राजीव को दो फिल्में ऑफर कीं लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। राजीव ने कहा कि जीवन में हमें हर तरह के लोग मिलेंगे जिनसे बचकर रहना है।