31 अक्टूबर 1984 के उस रोज इंदिरा गांधी की हत्या का समाचार रेडियो पर प्रसारित हुआ। देश भर में चर्चाएं और राजनीतिक भविष्य की तमाम अटकलों के बीच अगला पीएम कौन बनेगा, इसपर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के बीच भारी मंथन शुरू हो गया। देश के तमाम राजनेता एम्स के परिसर के भीतर खड़े थे। सबके मन में एक सवाल था कि देश का अगला पीएम कौन होगा। जिन नामों पर चर्चा थी, उनमें सबसे बड़ा नाम प्रणब मुखर्जी का था। लेकिन अचानक ही सियासी घेरेबंदी के बीच एक नाम तेजी से उभरा और अगले ही कुछ घंटों में राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री बन गए। राजनीति के इस सबसे बड़े घटनाक्रम का भविष्य ये हुआ कि कांग्रेस के किंगमेकर प्रणब मुखर्जी ने उसके बाद अपनी पार्टी छोड़ दी। पढ़ें पूरा किस्सा…।