लॉकडाउन का ठीक से पालन नहीं होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार ऐक्शन मोड में आ गई है। केंद्र ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बंद (लॉकडाउन) का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करें। केंद्र और राज्य सरकारों ने रविवार को देशभर के ऐसे 80 जिलों को 31 मार्च तक पूर्ण बंद करने का फैसला किया था जहां कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं।
खतरनाक कोविड-19 के प्रसार को रोकने के मद्देनजर यह सहमति बनी थी कि गैर जरूरी यात्री परिवहन को तभी बैन करने की जरूरत है। दिल्ली में 23 मार्च सुबह छह बजे से 31 मार्च की आधी रात तक बंदी रहेगी। कुछ अन्य प्रदेशों ने भी बंद को लागू किया है। बंद के दौरान दिल्ली की सीमाएं सील रहेंगी, हालांकि स्वास्थ्य, खाद्य सामग्री, पानी और बिजली आपूर्ति जैसी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।
बंद के दौरान आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए डीटीसी की 25 प्रतिशत बसें भी सड़कों पर रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को इससे पहले राज्य सरकारों से अनुरोध किया कि वे यह सुनिश्चित करें कि कोरोना वायरस के बंद से जुड़े नियम-कायदों का सख्ती से पालन हो, क्योंकि उन्होंने यह नोट किया कि बहुत से लोग इन उपायों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘लॉकडाउन को कई लोग अब भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। कृपया करके अपने आप को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं, निर्देशों का गंभीरता से पालन करें। राज्य सरकारों से मेरा अनुरोध है कि वे नियम और कानूनों का पालन करवाएं।’