अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि राफेल डील से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं. हालांकि, शुक्रवार को अपने बयान से पलटते हुए वेणुगोपाल ने कहा कि दस्तावेज चोरी नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट में कहना चाह रहे थे कि डील की जांच की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं ने दस्तावेज की फोटोकॉपी का इस्तेमाल किया था. उन्होंने कहा कि डील के दस्तावेज सरकार के सीक्रेट दस्तावेज थे.
वेणुगोपाल ने पीटीआई से कहा, “मुझे बताया गया कि विपक्ष आरोप लगा रहा है कि मैंने सुप्रीम कोर्ट में दलील दी थी कि दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं. यह पूरी तरह गलत है. यह कहना कि दस्तावेज चोरी हो गए थे पूरी तरह गलत है.”
मामले की सुनवाई के दौरान बुधवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कोर्ट में कहा था कि जिन दस्तावेजों पर ऐडवोकेट प्रशांत भूषण भरोसा कर रहे हैं, वे रक्षा मंत्रालय से चुराए गए हैं. उन्होंने कहा था कि रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए दस्तावेज का मामला इतना गंभीर है कि उन्हें ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट, 1923 (आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम) के तहत अभियोजन का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा था कि सरकार इस मामले में क्रिमिनल एक्शन लेने पर विचार कर रही है.
राफेल सौदे से जुड़े दस्तावेजों की चोरी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में उनकी दलील के बाद राफेल विवाद पर राजनीति एक बार फिर गर्म हो गई है. दस्तावेजों की चोरी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर जमकर निशाना साधा.
आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि अटॉर्नी जनरल को कोर्ट में यह कहने से बचना चाहिए था कि दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी किए गए हैं. वहीं, इन दस्तावेजों के आधार पर रिपोर्ट प्रकाशित करने को लेकर सरकार ने ‘द हिंदू’ को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है.