राम रंग में अयोध्या, मुस्लिमों के मन में क्या?

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वीएन दास, अयोध्या
पीएम नरेंद्र मोदी के राम मंदिर निर्माण की आधार शिला के रखने के कार्यक्रम से अयोध्या के मुस्लिम समाज के लोग भी उत्साहित है। करीब 8 हजार की आबादी वाले इस शहर के कई मुस्लिम परिवारों से बात करने पर लोगों ने बताया कि वे इस बात को लेकर खुश हैं कि अयोध्या का विकास अंतरराष्ट्रीय मानक पर शुरू होगा। मुस्लिमों को उम्मीद है अयेाध्या अब केंद्र और प्रदेश के विकास अजेंड़े को लेकर फोकस मे रहेगी। यहां रोजगार करने वालों का कहना है कि उनके रोजगार को बढावा मिलेगा। साथ ही बाहर रोजगार के लिए नही जाना पड़ेगा। दूसरा सबसे बड़ा लाभ यह मिलने जा रहा है कि मंदिर मस्जिद की राजनीति को लेकर जो कटुता दोनों कौमों के बीच पनप रही थी वह खाई भी समय के साथ पट जाएगी।

मुस्लिम समुदाय के लोगो का कहना है कि आंदोलन को लेकर यहा लगने वाले कर्फ्यू और पुलिस की छावनी से मुक्ति मिलेगी। जिसने हमारे रोजगार को बहुत नुकसान पहुंचाया। मस्जिद शाह आलम गिरी के इमाम हाजी एखलाक का कहना है कि मंइिर मस्जिद के विवाद को अलग रख कर अब यहां का मुस्लिम समाज सोच रहा है। अब आगे का भविष्य देखना है जो जाहिर है कि बेहतरी की ओर है। अयोध्या में मंदिरो और धार्मिक अनुष्ठानो से जुड़े छोटे रोजगार करने वालो की संख्या ज्यादा है। जिसमें लोगों को अब ज्यादा काम मिलेगा। जो लोग बाहर रोजगार की तलाश में जाते थे उनको यही रोजगार के अवसर मिलेगे।

मंदिर से मिलेगी विकास को और गति
मंदिर मस्जिद के झगड़े को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना कर खत्म कर दिया है। आगे के दिन दोनों कौम मे आपसी भाई चारा फिर कायम होगा।मंदिर में मालाओं को तैयार करने वाले करीब दो सौ लोग बेगमपुरा मोहल्ले में फूलो की खेती करते है । इनके रोजगार को भी पंख लगेगे। मुन्ना माली व अकरम के मुताबिक अब मंदिर बनने के बाद देश विदेश से पर्यटक और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ यहां आएगी। जिससे उनके रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। धर्मिक अनुष्ठानों में प्रयोग मे लाए जाने वाले खड़ाउ बनाने वाले चांद बाबू के मुताबिक, हम लोगों को काम मंदिरो से जुड़ा है मंदिरो व अयेाध्या के विकास से काम और मिलेगा।

‘शांति में बढ़ेंगी रोजगार की संभावनाएं’
मो. उमर लोहे के बक्से को तैयार कर इसका रोजगार करते है । उका कहना है कि मेले मे उनकी बिक्री होती है। अब अयोध्या मे शांति का माहौल रहेगा। तो रोजगार भी साल भर चलेगा। बाबारी मस्जिद के मुद्दई मो. इकबाल अंसारी कहते है कि अयोध्या मे छोटे रोजगारी ही ज्यादा है। जिसमे दर्जी टैक्सी और कार ड्राइवरों गाड़ियो के मैकेनिक और टेंपो चालको की संख्या काफी है। पीएम मोदी के अयोध्या के लिए बड़ी योजनाएं देगे। ऐसे में यह विश्व स्तरीय पर्यटन नगरी का दर्जा मिलेगा। तो रोजगार के लिए यहां के मुस्लिम समाज के लोगों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अयोध्या मे 22 मस्जिदें है। जहां नमाज अदा की जाती है दोनों कौमों के बीच यहां कभी सांप्रदायिक दंगा नही हुआ। यही, माहौल अब और मजबूत होगा।

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