कोरोना वायरस (Coronavirus Updates India) की वजह से जहां एक ओर पूरे देश में दहशत का माहौल है। उधर
, भारत के अलग-अलग राज्यों में पिछले कुछ महीनों से लगातार भूकंप (Reason of Earthquake) के झटके महसूस किए जा रहे हैं। लद्दाख में शुक्रवार शाम () महसूस किए गए। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (National Center for Seismology) की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक, करगिल (Kargil News) से उत्तर-पश्चिम में 200 किलोमीटर की दूरी पर यह भूकंप आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 4.5 दर्ज की गई है।
उधर, पूर्वोत्तर के राज्यों में ही पिछले एक महीने में कम से कम 10 बार भूकंप आ चुका है। शुक्रवार को मेघालय के तुरा से 79 किलोमीटर पश्चिम की ओर भूकंप आया। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.3 मापी गई है। फिलहाल किसी भी प्रकार के नुकसान की कोई खबर नहीं है।
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हरियाणा में भी भूकंप के झटकेइससे पहले हरियाणा के रोहतक में भी शुक्रवार दोपहर भूकंप का हल्का झटका लगा है। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 2.8 दर्ज की गई है। नैशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप का झटका दोपहर 3:32 पर लगा है। इससे पहले बुधवार को भी
का हल्का झटका लगा था। रोहतक में बीते एक महीने में भूकंप के 9 झटके लग चुके हैं।
4 हिस्सों में बंटा है भारत का भूकंप जोन
भारतीय मानक ब्यूरो ने विभिन्न एजेंसियों से प्राप्त वैज्ञानिक जानकारियों के आधार पर पूरे भारत को चार भूकंपीय जोनों में बांटा है। इसमें सबसे ज्यादा खतरनाक जोन 5 है। वैज्ञानिकों के अनुसार, इस क्षेत्र में
पर 9 तीव्रता का भूकंप आ सकता है। जानिए भारत का कौन सा क्षेत्र किस जोन में स्थित है।
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जोन 5
जोन-5 में पूरा पूर्वोत्तर भारत, जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्से, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड गुजरात में कच्छ का रन, उत्तर बिहार का कुछ हिस्सा और अंडमान निकोबार द्वीप समूह शामिल है। इस क्षेत्र में अक्सर भूकंप आते रहते हैं।
जोन-4
जोन-4 में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के बाकी हिस्से, दिल्ली, सिक्किम, उत्तर प्रदेश के उत्तरी भाग, सिंधु-गंगा थाला, बिहार और पश्चिम बंगाल, गुजरात के कुछ हिस्से और पश्चिमी तट के समीप महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा और राजस्थान शामिल है।
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जोन-3
जोन-3 में केरल, गोवा, लक्षद्वीप द्वीपसमूह, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्से, गुजरात और पश्चिम बंगाल, पंजाब के हिस्से, राजस्थान, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं।
जोन-2
जोन-2 भूकंप की दृष्टि से सबसे कम सक्रिय क्षेत्र है। इसे सबसे कम तबाही के खतरे वाले क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है। जोन-2 में देश का बाकी हिस्से शामिल हैं।