भारत ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा () पर जारी विवाद के निपटारे के लिए शनिवार को हुई बातचीत में चीन से साफ कर दिया कि उसे (चीन को) पुरानी स्थिति में लौटना ही होगा। समाचार एजेंसी आइएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत ने चीन से अपने जवानों को इलाके से हटाने की मांग की है। हालांकि सेना की ओर से आधिकारिक तौर पर अभी तक कोई भी बयान सामने नहीं आया है ना तो इसकी पुष्टि हुई है। कहा जा रहा है कि रविवार को आधिकारिक बयान आ जाएगा।
एक सूत्र ने बताया कि बातचीत के दौरान भारत की ओर से पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा भारी मात्रा में सैन्य बल तैनात करने का मुद्दा उठाया। चीन ने अपनी सेना को पूर्वी लद्दाख में एलएसी के अंदर तक घुसा दिया है, जो फिंगर एरिया, पैंगोंग सो और गालवान नाला इलाके तक आ चुकी हैं। भारत की ओर से इसी का विरोध किया गया है।
5.30 घंटे हुई गहन बातचीत
पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चार इलाकों- पैंगोंग त्सो, गलवान घाटी, देमचोक और दौलत बेग ओल्डी में भारत और चीनी सैनिक एक महीने से आमने-सामने डटे हैं। इस तनावपूर्ण माहौल को खत्म करने के लिए दोनों देशों के सैन्य अधिकारी चीनी सीमा के अंदर मोल्डो में मिले। दोनों देशों के बीच ये बैठक लगभग साढ़े पांच घंटे चली।
रविवार को आएगा आधिकारिक बयान
सेना के लेह स्थित 14वीं कॉर्प के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई की। बातचीत खत्म होने के बाद प्रतिनिधिमंडल लेह लौट चुका है और शाम को सेना के मुख्यालय को इससे संबंधित एक विस्तृत रिपोर्ट सौंपी गई। उस रिपोर्ट के बारे में सैन्य मुख्यालय के मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरल ने विदेश मंत्रालय और अन्य संबंधित सरकारी विभागों को बता दिया है। सूत्र के अनुसार, पहले तो इससे जुड़ा एक आधिकारिक बयान शनिवार को ही आना था, लेकिन अब ये रविवार को आएगा।
5 मई को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पबीते 5 मई को पूर्वी लद्दाख में स्थिति तब बिगड़ गई जब करीब 250 चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई और अगले दिन तक जारी रही। बाद में दोनों ओर के लोकल कमांडरों की मीटिंग हुई और दोनों तरफ के सैनिक पीछे हटे। दोनों तरफ के सैनिकों ने एक-दूसरे पर लाठी-डंडों से प्रहार के साथ-साथ पत्थरबाजी भी की। इस हिंसक झड़प में दोनों तरफ के करीब 100 सैनिक जख्मी हो गए थे। उसके बाद 9 मई को सिक्किम में यही घटना दुहराई गई। वहां नाकू ला दर्रा में करीब 150 भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें दोनों तरफ के कम-से-कम 10 सैनिक घायल हो गए थे।