लफ्जों में बयां नहीं कर सकता, सचिन के विकेट पर भुवी

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एस. सहारॉय, चेन्नै
जब 19 साल के थे तब पहली बार चर्चा में आए। उन्होंने साल 2009 में सचिन तेंडुलकर को जीरो पर आउट किया। यह घरेलू क्रिकेट में पहला मौका था जब सचिन खाता नहीं खोल पाए थे। उत्तर प्रदेश की ओर से खेलते हुए भुवनेश्वर ने अपने स्पैल की 14वीं गेंद पर आउट किया था।

दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज की कटर सचिन के बल्ले का अंदरूनी किनारा लेते हुई पैड से टकराई और हवा में उछल गई। डीप शॉर्ट लेग पर खड़े फील्डर ने दौड़कर कैच लपका। इस बात को 11 साल बीत चुके हैं लेकिन आज भी इसे याद करके भुवनेश्वर कुमार के रौंगटे खड़े हो जाते हैं।

उन्होंने एक वेबीनार में कहा, ‘मैं खुशकिस्मत था कि उन्हें आउट कर पाया। मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता। इस तरह के लम्हों को आप सिर्फ महसूस कर सकते हो बयां नहीं कर सकते।’

भुवनेश्वर इसका श्रेय पूर्व भारतीय बल्लेबाज और यूपी की टीम के कप्तान रहे मोहम्मद कैफ को देते हैं जिन्होंने उस गैरपरंपरागत पोजीशन पर फील्डर को तैनात किया।

उन्होंने कहा, ‘यह उस तरह की कटर गेंद थी जिसने आखिरी लम्हे पर अपनी लाइन नहीं बदली। दुनिया में ऐसे बहुत अधिक गेंदबाज नहीं हैं जिन्हें इस तरह की गेंद में महारत हासिल हो। और मैं हमेशा कहता हूं कि इस विकेट का श्रेय मोहम्मद कैफ को जाता है। वह इसलिए वह फील्डर बहुत अजीब जगह पर था। आमतौर पर वहां कोई फील्डर नहीं होता। लेकिन गेंद उस फील्डर के पास गई और उसने कैच लपकने में कोई गलती नहीं की। मैं फिर कहता हूं कि विकेट का श्रेय कैफ को दिया जाना चाहिए।’

भुवी ने मैच से पहले की एक और घटना को याद किया। उन्होंने कहा, ‘हम एक ही होटल में रुके हुए थे। तो मैं होटल में अपने कमरे से बार आया और देखा कि सचिन तेंडुलकर का कमरा मेरे कमरे के साथ में है। तो मैं अपने कमरे में वापस चला गया। जब सचिन पाजी अपने कमरे से बाहर निकले और लिफ्ट की ओर चले तभी मैं बाहर आया।’

भुवी ने कहा, ‘लिफ्ट के अंदर, मैं उन्हें नोटिस कर रहा था और वह अपने फोन में बिजी थे। मैं उनसे इतना प्रभावित था कि बस यही देख रहा था कि मैच से पहले वह कैसा व्यवहार करते हैं। जब मैं उन्हें बोलिंग कर रहा था मेरे दिमाग में यह चल रहा था कि अब मैं सचिन को बोलिंग कर रहा हूं। मैं इस पर फोकस नहीं कर रहा था कि मुझे कैसी बोलिंग करनी है। 19 साल का एक लड़का दुनिया के बेस्ट बल्लेबाज को बोलिंग करने वााला था और उसे यह नहीं पता था कि वह क्या करने वाला है। यह मेरे लिए बहुत यादगार लम्हा था।’

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