नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अप्रैल को 9:00 बजे से 9 मीनट के लिए स्वेच्छा से लाइट बंद करने की अपील की है। कुछ आशंकाएं व्यक्त की गई हैं कि इससे ग्रिड और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव हो सकता है जो बिजली के उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है। ऐसी आशंकाएं गलत हैं। उर्जा मंत्रालय ने जानकारी देते हुए बताया है कि स्ट्रीट लाइट या उपकरणों को बंद करने के लिए नहीं कहा गया है। केवल रोशनी करने वाली चीजों को बंद रखने को कहा गया है। अस्पतालों और अन्य आवश्यक सेवाओं में रोशनी चालू रहेगी। स्थानीय निकायों को सार्वजनिक सुरक्षा के लिए स्ट्रीट लाइट चालू रखने की सलाह दी गई है।
गौरतलब है कि बीते दिनों पीएम मोदी ने देश के नाम संदेश देते हुए कहा था कि जिस प्रकार से जनता ने सरकार का सहयोग और समर्थन दिया वह बहुत ही सराहनीय रहा, आज नौवां दिन है लोगों ने जिस धैर्य का परिचय दिया वह अभूतपूर्व है। उन्होने कहा कि हमारा यह कदम आज दुनिया के लिए मिशाल बन गया, कई देश हमारे कदमों का अनुकरण कर रहे हैं।
उन्होने कहा किसी को यह लग सकता है कि हम अकेले क्या कर सकते हैं , लेकिन हम अकेले होकर भी सामूहिक हैं, हर किसी को धैर्य रखना है, हमारी सामूहिक शक्ति ही हमें इतना बड़ा काम करने के लिए प्रेरित करता है।
कोरोना महामारी के बीच फैले अंधकार के बीच प्रकाश लाना है, इस संकट को पराजित करना है, प्रकाश के तेज को चारों दिशाओं में फैलाना है, 5 अप्रैल को हम सब को मिलकर कोरोना को चुनौती देना है, इस दिन हमें देश की महाशक्ति का जागरण करना है, 130 करोड़ लोगों को रात नौ बजे 9 मिनट तक घर के दरवाजें पर या बालकनी में खड़े होकर पूरी लाइटें बंद करके मोमबत्ती, दिया, मोबाइल की फ्लैश लाइटें जलाएं।
इस उजालें में हम महाशक्ति का उदय होगा हमें अहसास होगा कि हम अकेले नहीं हैं कोई भी अकेला नही हैं, हमारे साथ 130 करोड़ देशवासी एक ही संकल्प के साथ खड़ें है, हम एक ही संकल्प के लिए कृत संकल्प हैं। उन्होने कहा कि मेरी प्रार्थना है कि इस आयोजन के समय किसी को भी कहीं पर एकत्रित होना नही हैं, अपने घर के दरवाजे बालकनी से ही इसे करना है, सोशल डिस्टेंसिंग की लक्ष्मण रेखा को लांघना नही है। कोरोना की चैन तोड़ना है।