लॉकडाउन में सुनवाई, SC ने विदेशी अदालतों को पछाड़ा

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नई दिल्ली
कोरोना लॉकडाउन के दौरान भारतीय में विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान दुनिया के कई देशों से काफी ज्यादा केसों की सुनवाई हुई और फैसला दिया गया। यूके, यूएस और कनाडा के सुप्रीम कोर्ट की अपेक्षा भारतीय सुप्रीम कोर्ट में कहीं ज्यादा मामलों की सुनवाई हुई। इस दौरान भारतीय सुप्रीम कोर्ट में 538 मामले टेकअप हुए और उससे संबंधित 297 मामले भी सुनवाई के लिए कोर्ट के सामने आए। सुप्रीम कोर्ट ने लॉकडाउन के दौरान पहले से रिजर्व 57 मामले में फैसले दिए और 268 संबंधित मामले में फैसले दिए।

लॉकडाउन में कुल 538 मामले सुनवाई के लिए सामने आए
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पेश डाटा के मुताबिक 25 मार्च से लेकर एक मई के बीच लॉकडाउन के दौरान विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से भारतीय सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मुख्य मामलों के लिए 43 बेंच बैठी और 73 बेंच ने रिव्यू पिटिशन पर सुनवाई की। कुल 538 मामले सुनवाई के लिए सामने आए और उनसे संबंधित 297 मामले सुनवाई के लिए टेकअप किया गया। 57 मामले में फैसला सुनाया गया और उससे संबंधित 268 मामले में भी फैसला आया। अंतरिम रिलीफ के लिए आए मामले में 58 मामलों का निपटारा किया गया। सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका 49 टेकअप किया गया। साथ ही 92 रिट की भी सुनवाई हुई। इसके अलावा 138 रिव्यू पिटिशन को टेकअप किया गया। सुप्रीम कोर्ट ने 22 दिन इस दौरान सुनवाई की और 116 बेंच बैठी।

यूके, यूएस और ऑस्ट्रेलिया में सुने गए इतने मामले
यूके में 5 फरवरी से लेकर 29 अप्रैल के बीच में वहां से सुप्रीम कोर्ट ने 18 केसों में फैसला दिया गया। 24 फरवरी से लेकर 27 अप्रैल के बीच में यूएस में 28 मामलों में फैसला दिया गया। ऑस्ट्रेलिया में 5 फरवरी से लेकर 24 अप्रैल के बीच में 18 केसों का निपटारा किया गया। 2 फरवरी से लेकर 30 अप्रैल के बीच साउथ अफ्रीका में 47 केसों का फैसला वहां सुप्रीम कोर्ट ने दिया।

23 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने विडियो कांफ्रेंसिंग से सुनवाई का लिया था फैसला
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने 23 मार्च को फैसला लिया था कि अर्जेंट मामले की सुप्रीम कोर्ट में विडियो कॉन्फ्रेंसिग से सुनवाई होगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाएगा। वकीलो के सुप्रीम कोर्ट कैंपस में प्रवेश पर रोक लगा दी थी और तमाम चैंबर बंद कर दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट में अर्जेंट मामलों की सुनवाई के दौरान कई महत्वपूर्ण फैसले दिए गए। जिनमें कोरोना टेस्ट फ्री में करने का आदेश महत्वपूर्ण था।

कोरोना और रिजर्वेशन पर की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि मान्यता प्राप्त प्राइवेट लैब में आर्थिक तौर पर कमजोर,लोगों और आयुष्मान भारत योजना के तहत आने वाले लोगों का टेस्ट फ्री होगा। बाकी लोगों को प्राइवेट लैब में टेस्ट के लिए सरकार द्वारा निर्धारित कीमत देनी होगी। एक अन्य फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रिजर्वेशन के लिए 50 फीसदी तक की लिमिट का नियम है। ऐसा कोई अति विशेष परिस्थिति नहीं हो सकती कि शिड्यूल इलाके में 100 फीसदी रिजर्वेशन दिया जाए।

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