कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए आगे की रणनीति कैसी हो? अगले दो दिन केंद्र और राज्य सरकारें इसी पर मंथन करेंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 16 और 17 जून को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों संग बातचीत होनी है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस मीटिंग में मोदी सरकार कोविड-19 से लड़ाई की नई स्ट्रैटजी सामने रख सकती है। कोरोना केसेज बढ़ने के मद्देनजर लॉकडाउन फिर से लागू होने की अटकलें हैं मगर केंद्र ऐसा नहीं चाहता। खबर है कि पीएम मोदी इस मीटिंग में मुख्यमंत्रियों को समझाएंगे कि उन्हें कोविड-19 कंटेनमेंट जोन में सख्ती को कम नहीं होने देना है।
मुख्यमंत्रियों को क्या समझाने वाले हैं पीएमहमारे सहयोगी द इकॉनमिक टाइम्स से बातचीत में केंद्र के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीएम के प्लान की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री शहरी इलाकों के कंटेनमेंट जोन में व्यापक स्तर पर डोर-टू-डोर स्क्रीनिंग करने के निर्देश मुख्यमंत्रियों को दे सकते हैं। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने में सख्ती और मास्क की अनिवार्यता बरकरार रखने का डायरेक्शन भी पीएम की ओर से आ सकता है। केंद्र सरकार को फीडबैक मिला है कुछ राज्यों में लापरवाही बरती जा रही है। ऐसे राज्यों को जून के आखिर तक टेस्टिंग नंबर्स बढ़ाने को कहा जा सकता है। ताकि मामले जल्दी पकड़ में आ जाएं और मृत्यु-दर को कम किया जा सके।
राज्यों को है सख्ती करने की पूरी छूटहालात को धीरे-धीरे सामान्य करने की दिशा में राज्यों को फैसले लेने की पूरी छूट होगी मगर केंद्र से कोऑर्डिनेट करते रहना होगा। प्रधानमंत्री इस बैठक में मुख्यमंत्रियों से सुझाव मांग सकते हैं जिसके आधार पर एक कॉमन स्ट्रैटजी तैयार होगी। केंद्र के अधिकारी ने कहा कि लॉकडाउन लागू करने का कोई प्लान नहीं हैं। फोकस सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालने कराने पर होगा। न मानने पर जुर्माना वसूला जाएगा। राज्यों को अपनी जरूरत के हिसाब से सख्ती बरतने की छूट है। मसलन, पंजाब ने वीकेंड्स पर लॉकडाउन को कड़ा कर रखा है जबकि राजस्थान ने अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं।
इस पैमाने पर कसे जाएंगे राज्यकोरोना से निपटने में राज्य कैसा परफॉर्म कर रहे हैं, केंद्र इसका आंकलन टेस्ट पॉजिटिविटी रेशियो से लगाएगा। इस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर यह औसत 5.6% है। इसी से सबसे सटीक अंदाजा मिलता है कि कौन से राज्य कोरोना पर काबू पाने में सफल हो रहे हैं। रविवार को देश का रिकवरी रेट 50 प्रतिशत से ऊपर जाने पर केंद्र सरकार खुश तो है मगर हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पड़ रहे बोझ से टेंशन भी बढ़ रही है। देश में डेढ़ लाख से ज्यादा ऐक्टिव केसेज हैं। केंद्र के एक अधिकारी ने कहा कि ‘उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में क्षमता का पूरा इस्तेमाल नहीं हो रहा है जबकि दिल्ली जैसी जगहों पर ज्यादा बोझ पड़ रहा है।’
दो चरणों में होनी है बैठकप्रधानमंत्री 16 जून को उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों से बात करेंगे जहां कोरोना के मामले कम हैं या काबू में हैं। 17 जून का दिन उन राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए रखा गया जहां कोरोना बेकाबू है।