'लोकल, वोकल' में छिपा मोदी का भाव समझिए

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नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते समय लोगों से एक महत्वपूर्ण बात कही। उन्होंने ‘लोकल, ग्लोबल, वोकल’ के अपने भाव के जरिए जनता को देश में बनी वस्तुओं को प्रमोट करने का संदेश दिया। जी हां, पीएम ने कोरोना संकट को देखते हुए देशवासियों को भारत की क्षमताओं से अवगत कराया तो वहीं अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया। पीएम मोदी ने कहा कि आज हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है। पीएम का यह संदेश चीन जैसे देशों के लिए खतरे की घंटी है, जिनके सामान भारतीय बाजारों में भरे पड़े हैं।

पीएम मोदी की अपीलपीएम मोदी ने लोकल प्रोडक्ट्स को लेकर बड़ी बात कही। उन्होंने कहा इस मुश्किल वक्त में हमें लोकल चीजों ने ही सहारा दिया है। उन्होंने कहा कि आज हर भारतवासी को अपने लोकल के लिए ‘वोकल’ बनना है। पीएम मोदी ने जनता से अपील करते हुए कहा कि न सिर्फ लोकल Products खरीदने हैं, बल्कि उनका गर्व से प्रचार भी करना है। मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है।

पीएम मोदी ने कहा, ‘मुझे पूरा विश्वास है कि हमारा देश ऐसा कर सकता है। आपके प्रयासों ने, तो हर बार, आपके प्रति मेरी श्रद्धा को और बढ़ाया है। मैं गर्व के साथ एक बात महसूस करता हूं, याद करता हूं। जब मैंने आपसे, देश से खादी खरीदने का आग्रह किया था। ये भी कहा था कि देश के हैंडलूम वर्कर्स को सपोर्ट करें। आप देखिए, बहुत ही कम समय में खादी और हैंडलूम, दोनों की ही डिमांड और बिक्री रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है। इतना ही नहीं, उसे आपने बड़ा ब्रांड भी बना दिया। बहुत छोटा सा प्रयास था, लेकिन परिणाम मिला, बहुत अच्छा परिणाम मिला।’

पीएम मोदी की अपील का मतलबदरअसल पीएम मोदी ऐसा इसलिए कहा कि जब लॉकडाउन में सबकुछ बंद हो गया था तो हमारी आपकी निजी जरूरतों की तमाम चीजें लोकल प्रोडक्कट की ही मिल रही थी। इस दौरान उन उत्पादों ने हमारा बहुत साथ दिया। अक्सर लोगों में यह धारणा होती है कि ये सामान लोकल है यानी कि इसमें विश्वास नहीं किया जा सकता। लोग अक्सर कई चीजों को लोकल बोलकर उपेक्षित भी कर देते हैं लेकिन ऐसे वक्त पर उन्हीं उत्पादों ने लोगों की जरूरतें पूरी की हैं।

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पीएम मोदी ने क्या-क्या कहापीएम मोदी ने अपने संबोधन में 20 लाख करोड़ के पैकेज का ऐलान किया साथ ही इस परिस्थिति में देश कैसे आगे बढ़ेगा इसको भी बताया। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र के रूप में आज हम बहुत अहम मोड पर खड़े हैं। इतनी बड़ी आपदा भारत के लिए एक संकेत लेकर आई है, एक संदेश और एक अवसर लेकर आई है। मैं उदाहरण के साथ अपनी पात बताने काप्रयास करता हूं। जब कोरोना संकट शुरू हुआ तो भारत में एक भी पीपीई किट नहीं बनती थी। एन 95 मास्क का भारत में नाममात्र उत्पादन होता था। आज स्थिति है कि भार में हर रोज 2लाक पीपीई और 2 लाक एन 95 मास्क बनाए जा रहे हैं ।

भारत की आत्मनिर्भरताविश्व एक परिवार भारत जब आत्मनिर्भरता की बात करता है, तो आत्म केंद्रित व्यवस्था की वाकलत नहीं करता है। भारत की आत्मनिर्भता में संसार के सुख, सहयोग और शांति की चिंता होती है। जो संस्कृति जय जगत में विश्वास रखती हो, जो जीव मात्र का कल्याण चाहती है, जो पूरे विश्व को परिवार मानती हो, जो अपनी आस्था में मात्मा भूमि अहम पृथ्वी की सोच रखती हो.

बड़ी-बड़ी आपदाओं से जीता है भारतटीबी हो, कुपोषण हो, पोलियो हो, भारत के अभियान का असर दुनिया पर पड़ता ही है। इंटरनैशनल सोलर अलांयंस ग्लोबल वॉर्मिंग के खिलाफ भारत की दुनिया को सौगात है। इंटरनैशनल योग दिवस की पहल मानव जीवन को तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए भारत का उपहार है।

हम लोग बहुत अच्छा कर सकते हैंजिंदगी और मौत की लड़ाई लड़ रही दुनिया में आज भारत की दवाइयां एक नई आशा लेकर पहुंचती है। इन कदमों से दुनिया भर में भारत की भूरि भूरि प्रशंसा होती है। तो स्वाभाविक है हर भारतयी गर्व करता है। दुनिया को विश्वास होने लगा है कि भारत बहुत अच्छा कर सकता है। मानव जाति के कल्याण के लिए बहुत कुछ अच्छा दे सकता है। सवाल यह है कि आखिर कैसे? इस सवाल का भी उत्तर है 130 करोड़ देशवासियों का आत्म निर्भर संकल्प। हमारा सदियों का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। भारत जब समृद्ध था, सोने की चिड़िया कहा जाता था, तब सदा विश्व के कल्याण की राह पर ही चला।

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