सुशील हालांकि ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ करने के मामले में संघर्ष कर रहे थे लेकिन इस खेल के एक साल तक टलने के बाद एक बार फिर से पदक जीतने की उनकी उम्मीद परवान चढ़ रही है। सुशील अगले महीने 37 साल के हो जाएंगे और अगर वह इस साल जुलाई में प्रस्तावित ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ करते तो यह उनके और टेनिस के दिग्गज लिएंडर पेस जैसे खिलाड़ियों का आखिरी टूर्नमेंट होता लेकिन इसके एक साल टलने से इन खिलाड़ियों की संन्यास योजना पर संशय बन गया है।
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सुशील ने हालांकि संन्यास की किसी योजना को खारिज कहा कि वह खेल जारी रखने के लिए रोज अभ्यास कर रहे हैं। उन्होने कहा, ‘मैं अभी कही नहीं जा रहा हूं। मुझे अधिक समय मिला है और अधिक समय का मतलब होता है बेहतर तैयारी।’ उन्होंने 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप में वापसी करते हुए कुछ दमखम दिखाया लेकिन वह शुरुआती दौर से ही बाहर हो गए थे।
उन्होंने कहा, ‘कुश्ती एक ऐसा खेल है कि अगर आप चोट-मुक्त रहते हैं, अच्छी तरह से अभ्यास करते हैं और लक्ष्य निर्धारित कर उस पर काम करते हैं तो आप उसे हासिल कर सकते हैं। मैं अभी रोजाना दो बार अभ्यास करता हूं। जाहिर है मैं मैट पर नहीं उतर रहा हूं लेकिन खुद को फिट रखने की कोशिश कर रहा है। भगवान ने चाहा तो ओलिंपिक के लिए क्वॉलिफाइ जरूर करूंगा।’
सुशील 74 किग्रा भार वर्ग में प्रतिस्पर्धा करते हैं जिसके लिए भारत ने ओलिंपिक कोटा हासिल नहीं किया था। सुशील का मानना है कि वह उम्र संबंधी चुनौतियों से पार पा लेंगे। उन्होंने कहा, ‘लोग 2011 में इसी तरह की बातें कह रहे थे। मुझे पता है कि इसे कैसे संभालना है। मैं इसके लिए रोज मेहनत कर रहा हूं।’
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ओलिंपिक के टलने से सुशील के पुराने प्रतिद्वंद्वी नरसिंह पंचम यादव के पास भी वापसी का मौका होगा जिन पर लगा चार साल का प्रतिबंध जुलाई में खत्म हो जाएगा और भारतीय कुश्ती महासंघ ने कहा कि वह इस पहलवान को वापसी का मौका देगा। नरसिंह ने भी कहा कि उनकी नजरें वापसी पर हैं। सुशील और नरसिंह के बीच तल्खी किसी से छुपी नहीं है।
जब नरसिंह से मुकाबले के बारे में सुशील से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘जब समय आएगा, तब देखेंगे। अभी इस बारे में क्या कहूं। अभी मैं नरसिंह को फिर से करियर शुरू करने की बधाई दे सकता हूं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं।’
इस भार वर्ग (74 किग्रा) में जितेन्द्र कुमार भी अच्छा प्रदर्शन कर रहे और सुशील से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘मैं ऐसे पहलवानों को ध्यान में रखकर तैयारी कर रहा हूं जो ओलिंपिक में पदक के दावेदार हैं।’