कोरोनावायरस (Coronavirus in india) के कारण विश्व के कई देशों में लॉकडाउन है। भारत सरकार देश के अंंदर और बाहर फंसे भारतीय नागरिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पूरा प्रयास कर रही है। सरकार ने दूसरे देशों में फंसे हुए भारतीयों को वापस लाने के लिए मिशन ‘वंदे भारत’ और ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु शुरू किया है। भारतीय नौसेना का आईएनएस जलाश्व () ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’ के तहत में फंसे हुए नागरिकों को वापस लाने की कवायद में जुट गया है। उधर, सूत्रों से मिली जाानकारी के अनुसार, यूरोपीय देशों में फंसे भारतीयों को 15 मई से शुरू होने वाले ‘वंदे भारत मिशन’ के दूसरे चरण के तहत देश वापस लाया जाएगा।
शुक्रवार को मालदीव में फंसे कई भारतीय नागरिक के जहाज में बैठते दिखाई दिए। भारतीय नौसेना के जवान पीपीई सूट पहनकर खुद छोटे-छोटे बच्चों को जहाज पर चढ़ाते हुए नजर आए। इसका विडियो भी ट्वीटर पर वायरल हो रहा है। बता दें कि नौसेना का वॉरशिप आईएनएस जलाश्व गुरुवार को माले पहुंच गया था। पोत एक बार में 1000 लोगों को भारत ला सकता है। सभी लोग कोरोना के चलते लॉकडाउन की वजह से मालदीव में फंसे हुए थे। आईएनएस जलाश्व शुक्रवार सभी भारतीयों को लेकर कोच्चि के लिए निकलेगा।
इतने नागरिकों ने किया रजिस्ट्रेशन
मालदीव से भारत लौटने के लिए अभी तक 732 भारतीय नागरिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। हालांकि अब भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया जारी है। नौसेना से मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को भारत लाए जा रहे नागरिकों में से 19 गर्भवती महिलाएं और 14 बच्चे हैं। रक्षा मंत्रालय खुद इस ऑपरेशंस पर नजर बनाए हुए है।
वंदे भारत मिशन का दूसरा चरण 15 मई से शुरू होगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, भारत अगले सप्ताह से कजाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, रूस, जर्मनी, स्पेन और थाईलैंड जैसे देशों में फंसे भारतीयों को निकालने के अपने मेगा मिशन का विस्तार करने जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि मध्य एशिया के साथ-साथ विभिन्न यूरोपीय देशों में फंसे भारतीयों को 15 मई से शुरू होने वाले ‘वंदे भारत मिशन’ के दूसरे चरण के तहत घर वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 12 देशों से लगभग 15,000 लोगों को देश लाने के लिए करीब 64 उड़ानें भरी जाएंगी। 7 मई से 15 मई के बीच यह फ्लाइट देश के 14 एयरपोर्ट पर उतरेंगे।