इस मामले पर पीसीबी के एक अधिकारी ने कहा, ‘कल कोई मुद्दा नहीं था। तारिक वसीम कराची किंग्स के टीम मैनेजर हैं और इसलिए वह भ्रष्टाचार रोधी इकाई के मुताबिक, पीएमओए में मोबाइल फोन का उपयोग कर सकते हैं। गलतफहमी इसलिए हुई थी, क्योंकि किसी और का नाम टीम मैनेजर के तौर पर लिख दिया गया था। वह शख्स हकिकत में टीम के सहायक मैनेजर हैं। इस पर बाद में सफाई दे दी गई और मीडिया को भी इस बारे में बता दिया गया। पीएसएल-2020 में अब यह मुद्दा नहीं है।’
टीवी पर दिखने से मचा हंगामा
इससे पहले आईसीसी ने कहा था कि इस मुद्दे को पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) को देखना होगा। आईसीसी के एक अधिकारी ने कहा था, ‘यह घरेलू मैच है और इसलिए यह पीसीबी का मुद्दा है।’ इस पूरे प्रकरण को टीवी पर देखा गया और सोशल मीडिया पर इसे खूब शेयर भी किया गया।
शोएब अख्तर ने भी किया ट्वीट
पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर इस पर टिप्पणी करने वालों में से एक थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘डगआउट में मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना गलत है।’ टीम के कोच डीन जोन्स ने इस पर सफाई देते हुए कहा है कि वासी मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ)/मैनेजर हैं और वह सिर्फ अपना काम कर रहे थे। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सभी टी-20 क्रिकेट लीगों की तरह ही, मैनेजर/सीईओ को फोन रखने की इजाजत होती है। इस मामले में तारिक जो हमारे सीईओ हैं वह अपना काम कर रहे थे। यहां वे हमारे लिए आज के लिए अभ्यास समय के लिए प्रबंध कर रहे थे। आपकी चिंता के लिए शुक्रिया।’
क्या हैं आईसीसी के नियम
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के नियमों के मुताबिक, ड्रैसिंग रूम में खिलाड़ी या टीम प्रबंधन के सदस्य कोई भी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर सकता। ये लोग सिर्फ वॉकी-टॉकी पर बातचीत कर सकते हैं। इन सभी के मोबाइल फोन टीम के साथ मौजूद भ्रष्टाचार रोधी समिति के अधिकारी को सौंप दिए जाते हैं। आईसीसी के सब-आर्टिकल 4.2 के मुताबिक, प्रत्येक टीम मैनेजर को पीएमएओ के अंतर्गत मोबाइल फोन ले जाने की अनुमति होती है बशर्ते वो फोन का इस्तेमाल खुद क्रिकेट संचालन के लिए या खिलाड़ियों तथा टीम प्रबंधन के सदस्यों के अहम निजी कामों के लिए करे।