नई दिल्ली। चीन ने हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी पर दुनिया का सबसे बड़ा बांध बनाया है। यह बांध 2.3 किलोमीटर लंबा, 115 मीटर चौडा और 185 मीटर ऊंचा है। दुनिया के इस सबसे बड़े बांध का नाम ‘थ्री गोर्जेस डैम’ है। इंटरनेशनल वाटर पावर एंड डैम कंस्ट्रक्शन पत्रिका के मुताबिक, यह बांध दुनिया का सबसे बड़ा पनबिजली बांध है।
आपको बता दे इस विशालकाय बांध को बनाने में ढाई लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की लागत आई है। इसे बनाने में कुल 18 साल का लंबा समय लगा है। इसके निर्माण का काम साल 1994 में शुरू हुआ था और 2012 में यह बनकर तैयार हो गया था। कहते हैं कि ‘थ्री गोर्जेस डैम’ बनाने में चार लाख 63 हजार टन स्टील का इस्तेमाल हुआ है। इतने स्टील में तो कई एफिल टॉवर खड़े किए जा सकते हैं। चीन का यह डैम अमेरिका के महान हूवर डैम से 11 गुना अधिक बिजली पैदा कर सकता है। एक अनुमान के मुताबिक, इसमें 22,400 मेगावाट ऊर्जा उत्पन्न करने की क्षमता है, यानी बिजली के उत्पादन में इसका कोई जवाब नहीं है।
वही इस बांध के जलाशय में इतना पानी इकट्ठा किया गया है कि इससे पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण प्रभावित हो गया है। इसकी वजह से पृथ्वी के घूमने की गति कुछ धीमी पड़ गई है। पृथ्वी के घूमने की गति धीमी होने से एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड्स बढ़ गया है, यानी अब दिन थोड़ा लंबा हो गया है। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि इस बांध के बनने की वजह से उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव भी अपनी-अपनी जगह से 2-2 सेंटीमीटर खिसक गए हैं, जबकि अन्य ध्रुवों पर पृथ्वी थोड़ी सी चपटी भी हो गई है।