ने घरेलू क्रिकेट के अपने शुरुआती दिनों के खेल को याद करते हुए कहा कि उन्होंने चार दिवसीय मैच के दौरान दिन के आखिरी ओवर में जोखिम उठाकर छक्का लगया, तब दिग्गज ने उनसे पूछा था, ‘यह क्या था बॉस?’
करियर के शुरुआती दिनों में बेखौफ होकर बल्लेबाजी करने वाले अय्यर की तुलना वीरेंदर सहवाग से की गई, लेकिन हमेशा इसकी तारीफ नहीं होती। अय्यर ने क्रिकबज कहा, ‘यह चार दिवसीय मैच था और द्रविड़ पहली बार मुझे खेलते हुए देख रहे थे। यह पहले दिन के खेल का आखिरी ओवर था। मैं लगभग 30 रन पर बल्लेबाजी कर रहा था। सब को लग रहा था कि मैं आराम से खेलूंगा।’
उन्होंने कहा, ‘गेंदबाज ने मुझे फ्लाइटेड गेंद फेंकी और मैं आगे बढ़कर गेंद पर तेज प्रहार कर हवा में लहरा दिया और यह छक्का चला गया। हर कोई ड्रेसिंग रूम से बाहर झांकने लगा कि दिन के आखिरी ओवर में ऐसे कौन खेलता है।’
अय्यर ने कहा, ‘उस दिन उन्होंने (द्रविड़) इसी से मेरा आकलन किया। वह मेरे पास आए और कहा, ‘बॉस, यह क्या था? यह दिन का आखिरी ओवर है और तुम ऐसा कर रहे हो?’ बाद में मुझे अहसास हुआ कि वह क्या कहना चाह रहे हैं।’
अय्यर ने सीमित ओवर की भारतीय टीम में चौथे क्रम पर अपनी जगह पक्की कर ली है। लेकिन बल्लेबाज के तौर पर परिपक्व होने से पहले उनके खेलने के तरीकों को लापरवाहीपूर्ण माना जाता था।
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