नई दिल्ली
के संक्रमण पर काबू पाने के लिए घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन का बेहद भयावह असर गरीबों पर पड़ा है। बिजनस बंद होने के कारण अचानक लाखों लोग बेरोजगार हो गए। विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के सामने अलग तरह का संकट पैदा हो गया। सरकार ने इनकी सहायता के लिए तो हाथ बढ़ाई है, स्थानीय प्रशासन से लेकर विभिन्न संस्थाएं और समाज के लोग भी दिल खोलकर मदद कर रहे हैं। इंसानियत की खिदमत करती एक ऐसी ही तस्वीर आई दिल्ली की इंद्रलोक पुलिस चौकी से।
के संक्रमण पर काबू पाने के लिए घोषित 21 दिनों के लॉकडाउन का बेहद भयावह असर गरीबों पर पड़ा है। बिजनस बंद होने के कारण अचानक लाखों लोग बेरोजगार हो गए। विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों के सामने अलग तरह का संकट पैदा हो गया। सरकार ने इनकी सहायता के लिए तो हाथ बढ़ाई है, स्थानीय प्रशासन से लेकर विभिन्न संस्थाएं और समाज के लोग भी दिल खोलकर मदद कर रहे हैं। इंसानियत की खिदमत करती एक ऐसी ही तस्वीर आई दिल्ली की इंद्रलोक पुलिस चौकी से।
पुलिस चौकी लाकर खिलाया खानाप्रशांत और दिलशाद नाम के दो लड़कों ने पीसीआर को फोन कर बताया कि दोनों ने चार दिनों से खाना नहीं खाया तो पुलिस वाले उनकी तरफ दौड़ पड़े। वो दोनों लड़कों को चौकी लेकर आए और भरपेट भोजन करवाया। लड़कों का पेट भर गया तो उन्हें कुछ राशन भी दिए। प्रशांत और दिलशाद दिहाड़ी मजदूर हैं और लॉकडाउन के कारण उन्हें काम नहीं मिल रहा है।
गौरतलब है कि लॉकडाउन के बाद दिल्ली-एनसीआर में काम करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों के साथ ऐसी विकट स्थिति पैदा हो गई कि वो घर के रहे ना घाट के। अचानक रोजगार छिन जाने से वो यहां रह नहीं सकते और घर लौटने का कोई साधन नहीं। ऐसे में सैकड़ों किमी की दूरी पैदल तय करने निकल गए।
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