विराट कोहली ने कहा, ‘सबसे पहली भावना तो कृतज्ञता की थी कि हम विश्व कप जीत सके। हम सभी की भावनाएं सचिन पाजी पर केंद्रित थीं, क्योंकि हम जानते थे कि यह उनका विश्व कप जीतने का आखिरी मौका है।’
कैप्टन कोहली ने कहा, ‘उन्होंने (सचिन) इतने वर्षों इस देश के लिए जो किया, जितने मैच जीते, उससे हमें प्ररेणा मिलती है। वह ट्रोफी हमारी तरफ से उन्हें तोहफा थी। इससे पहले, वह सिर्फ तोहफे दे रहे थे, लेकिन उस समय यह मकसद पूरा होने जैसा था।’
साल 2011 में भारत दूसरी बार विश्व विजेता बना था, जब उसने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में खिताबी जीत दर्ज की। टीम की कमान तब महेंद्र सिंह धोनी संभाल रहे थे।
बीसीसीआई डॉट टीवी पर इस वीडियो को अपलोड किया गया है, इसमें मयंक ने कोहली से कप्तान की ओर से सलामी बल्लेबाज को 2018 के ऑस्ट्रेलिया दौरे पर चुनने के बारे में पूछा। कोहली ने मजाक में कहा, ‘अबे तूने मुझे अपनी तारीफ करने के लिए बुलाया है क्या यहां पर।’ कोहली ने आगे कहा, ‘उदाहरण के तौर पर जब तुमने ओपनिंग की, हमने तुम्हारे साथ में हनुमा विहारी को भी ओपनिंग के लिए भेजा था… हमने विहारी को देखा था कि वह कैसे खेलते हैं। वह गेंद पर आगे आते हैं, वह बहादुर हैं और उन्हें अपने ऊपर भरोसा रहता है।’ कोहली ने कहा, ‘मैंने तुम्हें रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर में खेलते हुए देखा था और मैं जानता था कि तुम अंतरराष्ट्रीय गेंदबाजों को खेल सकते हो। तुम फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी लंबे समय से अच्छा कर रहे थे।’
This special episode with #KingKohli promises to be Gold ���� Coming up soon on https://t.co/Z3MPyesSeZ… https://t.co/8aSsgoC0hR
— BCCI (@BCCI) 1595422978000