रायपुर. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार अब प्रदेश के बाहर भी राज्य के लोगों को सुविधाएं मुहैय्या कराने की तैयारी कर रही है। इसी के चलते सरकार ने साई बाबा की नगरी शिरडी में छत्तीसगढ़ भवन बनाने का फैसला लिया है। ताकि यहां आने जाने वाले छत्तीसगढ़वासियों को रुकने के लिए मोटी रकम खर्च न करना पड़े।
दिल्ली और मुंबई में जमीन खरीदी की प्रक्रिया अब पूरी कर ली गई है, जहां पर सर्वसुविधा युक्त कॉम्प्लेक्स बनाया जाएगा। यहां छत्तीसगढ़ के पर्यटक व दार्शनिक इस भवन में रुक सकेंगे।
वैसे राज्य शासन के कॉम्प्लेक्स बनाने के लिए जमीन खरीदी के प्रस्ताव पर ओडिशा सरकार ने दो साल बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है। तेलंगाना और शिरडी के लिए नए सिरे से लोक निर्माण विभाग पत्र व्यवहार की तैयारी में है। दूसरे राज्यों के धार्मिक स्थलों के करीब राज्य के लोगों को ठहराने के लिए लंबे समय से प्रस्ताव बनाया गया था, जिस पर दिल्ली और मुंबई में हरी झंडी मिल गई है।
छत्तीसगढ़ शासन ने अपने बजट से तकरीबन 60 करोड़ रुपये की लागत से जमीन खरीदी भी कर ली है। जल्द ही खरीदे गए जमीन में सर्वसुविधा युक्त भवन बनाने के लिए स्ट्रक्चर तैयार होगा। ड्राइंग-डिजाइन फाइनल होते ही यहां लोक निर्माण काम शुरू करेगा।
द्वारिका और नवी मुंबई में 60 करोड़दिल्ली में द्वारिका में करीब एक एकड़ जमीन छत्तीसगढ़ शासन खरीदी है। इसकी लागत तकरीबन 40 करोड़ रुपये तय की गई है। नवी मुंबई में करीब 20 हजार वर्गफीट की जमीन खरीदी की है जिसके लिए तकरीबन 20 करोड़ रुपये का खर्च होगा। स्थानीय प्रशासन से हरीझंडी मिलने के बाद जमीन रजिस्ट्री का भी काम पूरा कर लिया गया है।
हैदराबाद, शिरडी, ओडिशा लंबित
राज्य शासन की ओर से हैदराबाद, शिरडी और ओडिशा में जगह खरीदने के लिए योजना दो साल पहले से प्रस्तावित है। बताया गया है ओडिशा सरकार को दो साल पहले से पत्र लिखा गया है, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं मिला है। दो जनवरी को लोक निर्माण मंत्री ताम्रध्वज साहू ने एक बार फिर दूसरे राज्यों में राज्य के लोगों के लिए रुकने सर्वसुविधायुक्त भवन बनाने नए सिरे से कवायद तेज करने कहा। अधिकारियों ने बताया कि हैदराबाद और शिरडी में जमीन खरीदी के लिए प्रयास तेज होगा।
पुरी, शिरडी और तिरुपति दर्शन ज्यादा
प्रदेश से सबसे ज्यादा श्रद्धालु व दार्शनिक ओडिशा राज्य के पुरी, आंध्रप्रदेश के तिरुपति, महाराष्ट्र के श्री शिरडी और तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सबसे ज्यादा उपस्थिति दर्ज कराते हैं, इसलिए राज्य शासन ने उनके ठहरने के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन अथवा धर्मशाला बनाने की पहल की है। हालांकि यह पहल लंबे समय से की जा रही है, लेकिन अब जाकर दिल्ली और मुंबई में प्रस्ताव को हरी झंडी मिल सकी है।
लोक निर्माण विभाग के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी अनिल राय ने बताया कि दिल्ली और मुंबई में जमीन मिल गई है। राज्य शासन ने तकरीबन 60 करोड़ रुपये की लागत से जमीन खरीद लिया है। ओडिशा सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिलने से वहां जमीन नहीं ले सके हैं। दिल्ली और मुंबई में राज्य के लोगों के लिए सर्वसुविधायुक्त भवन बनाया जाएगा ताकि वह वहां रूक सके।