और उसके संचालक के खिलाफ राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने केस दर्ज कर लिया है। मौलाना साद और उसके संगठन पर आरोप है कि उन्होंने भारत में साजिश के तहत वायरस को फैलाया। अयोध्या निवासी रजनीश सिंह की शिकायत पर ने यह केस दर्ज किया है।
यूपी में नियंत्रण में चल रहे कोरोना संक्रमण को तेजी से फैलाने में तबलीगी जमात में शामिल हुए लोगों की भूमिका सामने आई है। यूपी में तबलीगी जमात में शामिल हुए करीब 1600 लोगों को चिह्नित कर 1300 को क्वारंटीन करवाया जा चुका है। यूपी में अब तक 410 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आए हैं, जिनमें से 221 तबलीगी जमात से जुड़े हुए हैं।
मौलाना के विदेश भागने की है आशंका
तबलीगी जमात के मौलाना साद और मरकज के प्रबंधन से जुड़े छह अन्य मौलानाओं मुहम्मद अशरफ, मुफ्ती शहजाद, डॉ. जीशान, मुर्शलीन सैफी, मुहम्मद सलमान और यूनुस के खिलाफ 28 मार्च को दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज किया था। तभी से सभी आरोपित अंडरग्राउंड हैं। इनके विदेश भागने की आशंका के चलते दिल्ली पुलिस ने इनके खिलाफ लुकआउट नोटिस भी जारी करवाया है।
दरअसल, दिल्ली में तबलीगी जमात का एक कार्यक्रम हुआ था। निजामुद्दीन मरकज में हुए इस कार्यक्रम में हजारों जमाती इकट्ठा हुए। इन्हीं में से कई राज्यों के सैकड़ों लोगों को कोरोना संक्रमित पाया गया है। तबलीगी जमात का मुखिया मौलाना साद फिलहाल गायब है। पुलिस ने नोटिस भी जारी किया लेकिन मौलाना की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है।
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