सामने आया कांग्रेस पार्षदों का बगावती तेवर, पार्टी के खिलाफ उठाया ये कदम

मुंबई: महाराष्ट्र में हाल ही में शिवसेना-कांग्रेस और एनसीपी के गठबंधन वाली महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता पर काबिज हुई है। अब इस गठबंधन सरकार को बड़ा झटका लगा है। दरअसल भिवंडी म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन के चुनावों में कांग्रेस और शिवसेना के गठबंधन को हार का सामना करना पड़ा है। खास बात ये है कि भिवंडी नगर निगम में कांग्रेस और शिवसेना का गठबंधन बहुमत में है, लेकिन पार्टी के कुछ कॉरपोरेटर्स की बगावत के चलते दोनों पार्टियों के गठबंधन को मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है।

90 सदस्यों वाले भिवंडी नगर निगम में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और पार्टी ने 2017 के निगम चुनावों में 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी। भाजपा ने 19 और शिवसेना ने 12 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं कोणार्क विकास अघाड़ी नामक पार्टी ने चुनावों में 4 सीटों पर जीत दर्ज की थी। गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस और शिवसेना के हालिया गठबंधन से पहले भिवंडी नगर निगम चुनावों में दोनों पार्टियों का गठबंधन था। जिसके चलते 2017 में कांग्रेस के जावेद दलवी मेयर और शिवसेना के मनोज मोतीराम कातेकर डिप्टी मेयर चुने गए थे।

गुरुवार को हुए इस साल के मेयर चुनाव में कांग्रेस और शिवसेना को झटका देते हुए कोणार्क विकास अघाड़ी पार्टी ने मेयर और डिप्टी मेयर पद पर कब्जा जमाया। भाजपा ने कोणार्क विकास अघाड़ी को समर्थन दिया है। जिसके चलते कोणार्क विकास अघाड़ी की प्रतिभा पाटिल ने कांग्रेस की निशिका राका को मेयर पद के लिए हुए चुनावों में और कोणार्क विकास अघाड़ी के ही इमरान खान ने शिवसेना के बाला चौधरी को डिप्टी मेयर पद के चुनावों में करारी शिकस्त दे दी।

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