दुर्ग: जिले के बीएड कॉलेजों के लिए एक बार फिर से खतरे की घंटी बज सकती है। बीते साल जिन कॉलेजों को एनसीटीई ने मान्यता से वंचित किया था, उनका मामला इस वक्त दिल्ली हाईकोर्ट में है। कोर्ट ने इन्हें बीते साल सशर्त तौर पर मान्यता दी थी। कोर्ट ने एनसीटीई से कहा था मान्यता पर अगली सुनवाई तक स्टे रहेगा। अभी कोरोना संक्रमण की वजह से दिल्ली हाईकोर्ट की सुनवाई को टाल दिया गया है, लेकिन हालात सुधरते ही एनसीटीई इन कॉलेजों के लिए अपना पक्ष रखेगा।
बता दें कि भिलाई-दुर्ग में सात बीएड के ऐसे कॉलेज हैं, जिनमें खराब शैक्षणिक गुणवत्ता और जरूरी अर्हताएं पूरी नहीं करने की वजह से इनकी मान्यता समाप्त कर दी गई है। सिर्फ दिल्ली हाईकोर्ट के स्टे की वजह से यह सभी फिलहाल संचालित हो रहे हैं।
नोटिस जारी कर जवाब तलब
यह सभी कॉलेज लंबे समय से एनसीटीई को गुमराह करते आ रहे हैं। इन संस्थानों ने परिषद के नियमों से भी खूब खिलवाड़ किया। बिना एमएड वाले शिक्षक को प्राचार्य बनाया। अपात्र शिक्षकों को लेक्चरार की जिम्मेदारी दी। यही नहीं यह कॉलेज परिसर की स्थिति व भवन की जानकारी भी एनसीटीई को नहीं दे पाए। हाल ही में एनसीटीई ने भिलाई के तीन अन्य कॉलेजों को भी नोटिस थमाए हैं। इन्हें नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
बीते साल निरस्त हो गई थी मान्यता
एनसीटीई ने भिलाई-दुर्ग के 7 कॉलेजों की पिछले साल ही मान्यता समाप्त कर दी थी। इनके पास न तो फैकल्टी थी, और न ही इंफ्रास्ट्रक्चर की बेहतर सुविधाएं। हालांकि बाद में यह सभी कॉलेज न्यायालय की शरण में पहुंचे। दिल्ली हाईकोर्ट ने इनको सालभर की राहत दे दी। एनसीटीई की अगली बैठक में इन सातों कॉलेजों की फाइल दोबारा से खोलने की बात सामने आ रही है।
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