नई दिल्ली
टीम में सिलेक्शन को लेकर इस बात पर भी काफी चर्चा होती है कि खिलाड़ी को उम्र या फिटनेस में से किस आधार पर चुना जाए। इस समय पूरी दुनिया में खिलाड़ियों की फिटनेस का स्तर काफी बढ़ रहा है। यह सवाल हमेशा पूछा जाता है कि क्या सीनियर खिलाड़ी युवाओं का रास्ता रोक रहे हैं। महान क्रिकेटर चयन संबंधी नीतियों में पड़ना नहीं चाहते लेकिन उनका मानना है कि सिलेक्शन का पैमाना फिटनेस होना चाहिए, उम्र नहीं।
टीम में सिलेक्शन को लेकर इस बात पर भी काफी चर्चा होती है कि खिलाड़ी को उम्र या फिटनेस में से किस आधार पर चुना जाए। इस समय पूरी दुनिया में खिलाड़ियों की फिटनेस का स्तर काफी बढ़ रहा है। यह सवाल हमेशा पूछा जाता है कि क्या सीनियर खिलाड़ी युवाओं का रास्ता रोक रहे हैं। महान क्रिकेटर चयन संबंधी नीतियों में पड़ना नहीं चाहते लेकिन उनका मानना है कि सिलेक्शन का पैमाना फिटनेस होना चाहिए, उम्र नहीं।
उन्होंने आईएएनएस से कहा, ‘जो अच्छा है, उसे मौका दिया जाना चाहिए। यह युवाओं को मौका या ऐसी ही कोई और बात नहीं है। अगर ऋद्धिमान साहा फिटनेस पर अच्छे हैं और खेलने के लिए फिट हैं तो उन्हें खेलना चाहिए। इसी तरह अगर पंत फिट हैं तो उन्हें मौका मिलना चाहिए। टीम प्रबंधन को इसका फैसला करने दें।’
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सचिन ने आगे कहा, ‘मैं यह नहीं कह रहा कि साहा को पंत से आगे रखना चाहिए या पंत को साहा से आगे रखना चाहिए। इसका फैसला टीम प्रबंधन को करने दीजिए।’
करियर में 100 इंटरनैशनल शतक का वर्ल्ड रेकॉर्ड बनाने वाले इस दिग्गज ने कहा, ‘मैं अपनी बात को छोटी करते हुए कहता हूं कि अगर कोई फिट है तो उम्र का पैमाना बीच में नहीं आना चाहिए और टीम प्रबंधन को फैसला लेना चाहिए कि किसे खेलने का मौका देना है।’