सिंधिया के कारण MP कैबिनेट विस्तार में देरी?

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भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजनीति में आज की तारीख में सबसे बड़ा सवाल यह है कि अपनी कैबिनेट का विस्तार कब करेंगे। साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि कैबिनेट विस्तार में कहीं कोई पेंच तो नहीं है। क्या बीजेपी की तरफ से प्रस्तावित मंत्रियों की संख्या पर अड़ गए हैं। इन सवालों को बल तब और मिलने लगा है, जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिल्ली में पहले अमित शाह और उसके बाद बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की।

बीजेपी सूत्रों के अनुसार प्रदेश में संगठन के कुछ बड़े नेता चाहते हैं कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान छोटा मंत्रिमंडल बने, जिसमें कुछ लोग शपथ ले लें और सरकार का कामकाज सुचारू रूप से शुरू हो जाए। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा किया जा रहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया चाह रहे हैं कि कैबिनेट का विस्तार जब हो तब, हमारे सारे लोग उसमें शामिल हो जाएं। कम से कम वे लोग तो जरूर जो कमलनाथ की सरकार से इस्तीफा देने के बाद बाद बीजेपी में शामिल हुए हों।

शाह और नड्डा से मिले सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया पिछले दो दिनों में दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह और उसके अगले दिन बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। उसके बाद से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर माथापच्ची शुरू हो गई है। कांग्रेस ने भी सिंधिया की मुलाकात को अलग सियासी रंग दे दिया। हालांकि बीजेपी नेता इसे सामान्य मुलाकात बता रहे हैं।

हमारे नेता हैं सिंधिया
बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और विधायक रामेश्वर शर्मा ने नवभारत टाइम्स से फोन पर बात करते हुए कहा कि मंत्रिमंडल से ज्यादा जरूरी हमारे लिए कोरोना से निपटना है। हमलोग अभी ऐसा कोई कार्यक्रम नहीं करना चाहते हैं, जिसमें 100 लोग इकट्ठा और एक-दूसरे से हाथ मिलाएं और बधाई दें। सिंधिया की मुलाकात पर रामेश्वर शर्मा ने कहा कि वो अब हमारी पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, हमारे नेताओं को जब भी वक्त मिलता है तो अमित शाह, मोदी जी और नड्डा जी से मिलने की कोशिश करता है। सबको मिलना चाहिए। अब जिन लोगों को भी मंत्री बनाना है, वह सभी लोग अब बीजेपी के लोग हैं।

‘जय श्रीराम’ बोल दिया है
रामेश्वर शर्मा ने कहा कि इन सभी लोगों ने बीजेपी का दुपट्टा ओढ़ लिया और डंके की चोट पर जय श्रीराम बोल दिया है। इसलिए सबकी मान-सम्मान की चिंता बीजेपी को है। ज्योतिरादित्य सिंधिया अब हमारे नेता हैं।

मंत्री बनवाने के लिए लगा रहे दौड़
शाह औरनड्डा से सिंधिया की मुलाकात पर कांग्रेस ने हमला किया है। कांग्रेस ने लिखा है कि दो दिन पहले लॉकडाउन की वजह से जनता के बीच नहीं पहुंचने का वीडियो जारी करने वाले श्रीअंत अब जयचंदों को मंत्री बनवाने के लिए खूब दौड़ लगा रहे हैं। आखिर ये जनता को समझते क्या हैं। पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी प्रदेश कांग्रेस के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए पूछा है कि कैबिनेट कहां हैं।

सिंधिया को सम्मान देगी बीजेपी
वहीं, सिंधिया के अड़ने की जो खबरें हैं, उस पर नवभारत टाइम्स से बात करते हुए राजनीतिक विश्लेषक जयराम शुक्ल ने कहा कि ये बिल्कुल गलत है। ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी को अच्छी तरह से समझते हैं। सिंधिया बीजेपी में आने से पहले संभावनाओं की समीक्षा की होगी। उन्होंने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया इतनी कोशिश नहीं करेंगे कि उनके लोग मंत्री बनें, बीजेपी जरूर उनके लोगों को मंत्री बनाना चाहेगी। वह इसलिए चाहेगी, क्योंकि अभी बीजेपी को उपचुनाव में जाना है। उपचुनाव में जाएंगे तो उन लोगों का सपोर्ट तभी रहेगा, जब वो मंत्री रहेंगे। उन्हें भी इस बात का एहसास हमेशा रहेगा कि हमारी हैसियत अभी वहीं है। मुझे लगता है कि सिंधिया के दबाव में नहीं, बीजेपी संगठन के दबाव में सिंधिया के लोगों को मंत्री बनाएंगे।

सामान्य मुलाकात है
बीजेपी के बड़े नेताओं से सिंधिया की मुलाकात पर राजनीतिक विश्लेषक जयराम शुक्ल ने कहा कि यह सामान्य मुलाकात है। अब बीजेपी के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया एक फैक्टर हैं। विजयाराजे सिंधिया की वजह से बीजेपी सिंधिया परिवार पर कभी हमलावर नहीं रही है। शिवराज सिंह चौहान ने ‘अंग्रेजों का साथी सिंधिया परिवार’ बोल दिया था तो इसे लेकर बीजेपी में भी विरोध हुआ था। विजयाराजे सिंधिया का बीजेपी में काफी सम्मान है। लेकिन मंत्रिमंडल को लेकर सिंधिया को दबाव बनाने की जरूरत नहीं है।

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