कोर्ट में मंगलवार को रिया के वकील श्याम दीवान ने कहा कि सुशांत के पिता ताकतवर रिश्तेदारों की मदद से रिया को फंसा रहे हैं। यही नहीं, दीवान ने कहा कि मुंबई पुलिस के पास फरवरी से लेकर अभी तक कोई एफआईआर नहीं है। बिहार पुलिस केवल जीरो एफआईआर ट्रांसफर कर सकती है। उन्होंने कहा कि बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के कारण पटना पुलिस की जांच राजनीति से प्रेरित है और चुनाव खत्म होने के बाद कोई भी इस केस की बात नहीं करेगा।
मामले में पक्षपात की आशंका
दीवान ने यह भी कहा कि मामले में पक्षपात की पूरी आशंका है क्योंकि सुशांत के पिता रिया की केस ट्रांसफर करने की दलील पर बहस कर रहे हैं। पटना में एफआईआर घटना से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस ने 56 लोगों से पूछताछ की है लेकिन जांच कहां तक पहुंची है, इसकी जानकारी नहीं है लेकिन निश्चित तौर पर जांच सही दिशा में आगे जा रही है। हमें मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा है लेकिन सुशांत का परिवार मुंबई पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं कर रहा है।
रिया के वकील बोले- सीबीआई जांच से गुरेज नहीं
रिया के वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट तय करे कि कौन सी एजेंसी जांच करेगी। रिया को सीबीआई जांच से कोई गुरेज नहीं है, वह सिर्फ इतना चाहती हैं कि मामले की सुनवाई बिहार में नहीं बल्कि महाराष्ट्र में हो। उन्होंने यह भी कहा कि रिया ने खुद ही पहले सीबीआई जांच की मांग की थी।
SC में रिया का बयान- सुशांत से था प्यार
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान रिया चक्रवर्ती का एक बयान वकील श्याम दीवान ने पढ़कर सुनाया। इसमें रिया ने कहा, ‘मुझे सुशांत सिंह राजपूत से प्यार था। उनके निधन से मुझे बेहद गहरी चोट पहुंची लेकिन अब मुझे ही इसमें परेशान किया जा रहा है।’
महाराष्ट्र सरकार की ओर से रखा पक्ष
मामले में मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली पर सभी सवाल उठे हैं। महाराष्ट्र सरकार का पक्ष रखते हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा कि क्या केवल एक जज की बेंच सुशांत के केस को सीबीआई जांच के लिए सौंप सकती है? उन्होंने मांग की कि इस मामले को एक बड़ी बेंच को ट्रांसफर किया जाए और वह फैसला ले कि सुशांत केस की जांच मुंबई पुलिस करे या सीबीआई करे।
सिंघवी बोले- संघीय ढांचे पर हमला है सीबीआई जांच
सिंघवी ने आगे कहा कि इस मामले में बिहार सरकार अभियोजन को अपने हाथ में लेने के लिए जरूरत से ज्यादा बेकरार है। यह कानून और सीआरपीसी का उल्लंघन है। इस तरह सीबीआई जांच के लिए आदेश देना पूरी तरह संघीय ढांचे पर हमला है। उन्होंने आगे कहा कि सुशांत के केस का मीडिया ट्रायल हो रहा है। मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार पहले ही सुप्रीम कोर्ट में अपनी जांच की प्रगति के बारे में बता चुके हैं।