कोविड-19 की वजह से भारतीय सेना को अपने ट्रेनिंग सिस्टम में कई तरह के बदलाव तो करने ही पड़ रहे हैं साथ ही इसकी वजह से सेना को नए अफसर और नए जवान मिलने में भी देरी होगी। कोरोना का कहर अगर लंबे वक्त तक चला को सेना की दिक्कत भी बढ़ सकती है।
नए ट्रेनिंग सिस्टम पर विचार
एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि अगर कोविड-19 की दिक्कत लंबे वक्त तक चली तो ट्रेनिंग सिस्टम में व्यापक बदलाव करना होगा। इस पर काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सेना में नए रिक्रूटमेंट बंद है जिससे नए जवानों का रिक्रूटमेंट नहीं हो पा रहा है। साथ ही ऑफिसर्स का सर्विस सिलेक्शन बोर्ड भी नहीं हो पा रहा है। नए चुन गए ऑफिसर्स को एनडीए और आईएमए में ट्रेनिंग जॉइन करनी थी लेकिन लगता है कि एकेडमी में ट्रेनिंग कुछ ही अफसर कर पाएंगे।
ट्रेनिंग होगी कम
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने हुए ट्रेनिंग करने पर सेना के जवानों-अधिकारियों की ट्रेनिंग पहले के मुकाबले काफी कम हो पाएगी। हर साल रेगिस्तान में एक बड़ी ट्रेनिंग होती है यह जॉइंट ट्रेनिंग होती है। लेकिन इस साल यह भी नहीं हो पाएगी। एक अधिकारी ने कहा कि यहां एक टेंट में ही 4-5 जवान रहते हैं तो अब वह नहीं हो पाएगा। साथ ही इसके लिए बड़ी संख्या में जवानों का मूवमेंट होता है। मूवमेंट कम होगा तो इसका असर ट्रेनिंग पर पड़ेगा।
दो ट्रेनिंग ईयर प्रभावित
एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ट्रेनिंग के दौरान क्या क्या सावधानी बरतनी है इसके निर्देश पहले ही जारी कर दिए गए थे। उन सावधानियों को मानते हुए ट्रेनिंग पर जो असर होगा वह इस साल और अगले ट्रेनिंग ईयर में भी दिखाई देगा। उन्होंने कहा सोशल डिस्टेंसिंग की वजह से ट्रेनिंग की रफ्तार तो कम होगी ही साथ ही उसी इंफ्रास्ट्रक्चर और उसी वक्त में कम जवानों की ट्रेनिंग हो पाएगी। ट्रेनिंग के लिए नई ड्रिल और प्रक्रिया बनाने का काम चल रहा है।
तैनाती से पहले होने वाली ट्रेनिंग पर भी असर :
सबसे ज्यादा असर रिक्रूटमेंट रैली पर तो पड़ा ही है। साथ ही प्री-कमिशन ट्रेनिंग और रेजिमेंटल सेंटर पर होने वाली ट्रेनिंग भी प्रभावित होगी। फील्ड फायरिंग के साथ ही जॉइंट ट्रेनिंग पर भी असर पड़ेगा। एक अधिकारी ने कहा कि जब भी काउंटर इंसरजेंसी के लिए तैनाती होती है (कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट के इलाकों में) और जब सियाचिन जैसे हाई एल्टीट्यूट इलाकों में तैनाती होती है तो उससे पहले प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग होती है। यह भी एक बड़ी ट्रेनिंग होती है जिसमें ज्यादा संख्या में जवान- अफसर शामिल होते हैं। कोरोना की वजह से प्री-इंडक्शन ट्रेनिंग पर भी असर पड़ेगा। यूएन पीस कीपिंग के लिए होने वाली डिप्लॉयमेंट ट्रेनिंग भी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत ट्रेनिंग और सब-यूनिट स्तर पर होने वाली ट्रेनिंग पर ज्यादा असर नहीं होगा लेकिन जॉइंट ट्रेनिंग पर सबसे ज्यादा असर पड़ेगा।
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