सोलर सिंचाई पम्प लगने से किसानों की जिंदगी हुई खुशहाल

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रायपुर: राज्य के दूरस्थ अंचल जहां पर बिजली सुविधा की उपलब्धता में कठिनाई हो रही है वैसे विद्युत विहीन क्षेत्रों में किसानों को मामूली अंशदान पर सौर सुजला योजना के तहत सिंचाई पंप की सुविधा प्रदान की जा रही है। सौर सिंचाई पंप लगने से इन क्षेत्रों के किसानों को सिंचाई की अच्छी सुविधा मिल रही है।
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेड़ा) के अंतर्गत राज्य के जिलों में सौर सुजला योजना का संचालन किया जा रहा है। राज्य के सरगुजा जिले में अब तक करीब 350 सौर सिंचाई पंपों की स्थापना की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त सोलर डुअल पम्प तथा आयरन रिमूवर प्लांट भी क्रेड़ा विभाग के द्वारा लगाया गया है। नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी योजना के अंतर्गत गौठानों में सोलर पंपों की स्थापना की जा रही है। सरगुजा जिले के प्रथम चरण में निर्मित 60 गौठानों में से अधिकांश गोठान में सौर सिंचाई पंप स्थापित किए जा चुके हैैं।
क्रेड़ा के अंतर्गत कम शुल्क में ही अनुदान के तहत किसानों को सौर सिंचाई पम्प प्रदान किया जाता है। सौर सुजला योजना के अंतर्गत 3 एच.पी. और 5 एच.पी. के सिंचाई पम्प किसानों को निर्धारित अंशदान राशि जमा करने पर प्रदान किए जाते हैं। इसमें हर जाति संवर्ग के किसान को योजना का लाभ लेने के लिए अलग-अलग राशि निर्धारित की गई है।
दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत ग्राम वासियों को दूषित पानी से छुटकारा दिलाने के लिए आयरन रिमूवर प्लांट लगाया गया है। ऐसे क्षेत्रों में जहां का पानी पीने योग्य नहीं रहता है वहां पर प्लांट लगाकर पानी को शुद्ध किया जाता है जिसके पश्चात वह पानी पीने योग्य हो जाता है। उदयपुर ब्लाक के केदमा, केसमा और सितकालो में, लखनपुर ब्लाक के मरेया और पोतका में तथा लुण्ड्रा ब्लॉक के सुमेरपुर में आयरन रिमूवर प्लांट स्थापित किया गया है। इसके साथ ही सोलर डुअल पंप लगाया गया है। इसमें बोरिंग के साथ बोर भी लगा हुआ होता है। पानी पीने के लिए एक टैंक ऊपर में लगा रहता है जिसमें ऑटोमेटिक सेंसर लगा रहता है। टैंक में दिनभर पानी आवश्यकतानुसार भरता रहता है। लाइट नहीं रहने पर ग्रामीण हैंडपम्प के द्वारा पानी का उपयोग कर सकते हैं।

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