स्थायी सदस्य हूं, फिर भी मुझे कांग्रेस बैठक में नहीं बुलाया गया: पीसी चाको

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कोच्चि
कांग्रेस पार्टी की टॉप लीडरशिप में नेतृत्व को लेकर जारी संकट के बीच पार्टी के वरिष्ठ नेता ने पूरे विवाद पर सवाल उठाए हैं। चाको ने कहा कि पार्टी के नेता कार्यसमिति की बैठक के एक रोज पहले पत्र लिखते हैं और इसे मीडिया में जारी किया जाता है। यह सही नहीं है। इसके अलावा उनके स्थायी कार्यसमिति सदस्य होने के बावजूद उन्हें ना बुलाया जाना, कांग्रेस पर कई सवाल खड़ा करता है।

मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए पीसी चाको ने कहा कि कांग्रेस की कार्यसमिति में वह एक स्थायी सदस्य के रूप में शामिल हैं। लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उन्हें बैठक में आमंत्रित नहीं किया। अगर वह इस बैठक में गए होते, तो वह निश्चित ही कुछ समाधान अवश्य निकालने का प्रयास करते। उन्होंने कहा कि बैठक में ना बुलाने की बात का जिक्र उन्होंने कांग्रेस अध्यक्षा से निजी रूप से किया है। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस में सिर्फ कामचलाऊ तरीके से काम किया जा रहा।

एक दिन पहले लिखे लेटर से हुआ विवाद: चाको
चाको ने कहा कि पार्टी में लीडरशिप के लेवल पर कुछ बदलाव की जरूरत हो सकती है, लेकिन ये एक लेटर के रूप में नहीं होना चाहिए। चाको ने कहा कि पार्टी लीडरशिप के लिए कोई पत्र लिखना और उसे कार्यसमिति की बैठक से एक दिन पहले मीडिया में जारी करना विवाद जरूर खड़ा करता है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को ऐसा नहीं करना चाहिए था। मेरे हिसाब से कांग्रेस के कई कथित सीनियर नेता इसमें शामिल थे।

23 नेताओं ने सोनिया गांधी को लिखी थी चिट्ठी
बता दें कि कांग्रेस के 23 वरिष्‍ठ नेताओं ने पार्टी अध्‍यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर बड़े बदलावों की मांग रखी थी। इन नेताओं में कांग्रेस कार्यसमिति के कई सदस्‍यों के अलावा पांच पूर्व मुख्‍यमंत्री, कई सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री शामिल थे। चिट्ठी में साफ कहा गया था कि पार्टी अपना सपोर्ट बेस खो रही है और युवाओं का भरोसा भी। इन नेताओं ने एक ‘पूर्णकालिक और प्रभावी नेतृत्‍व’ की मांग की थी जो न सिर्फ काम करता नजर आए, बल्कि असल में जमीन पर उतरकर काम करे भी। इसके अलावा CWC का चुनाव कराने और पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कोई योजना बनाने की भी मांग की गई है।

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