‘स्मार्ट सिटी’ योजना को ‘साकार’ करने के लिए राहुल गांधी के पास यह मास्टर प्लान, जानिए क्या है प्लान

नई दिल्ली : मोदी सरकार की अति महत्वाकांक्षी ‘स्मार्ट सिटी’ योजना अब तक अगर आंकड़ों की नजर से देखें तो धरातल पर ‘कागज का फूल’ ही साबित हो पाई है. लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मोदी सरकार की स्मार्ट सिटी योजना को लेकर एक बड़ा वादा किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी मेयर का चुनाव प्रत्यक्ष बनाएगी क्योंकि स्मार्ट शहर बनाने के लिए अच्छे नेताओं की जरूरत होती है. चुनाव से ठीक पहले राहुल गांधी ने मेयर के लिए प्रत्यक्ष चुनाव की वकालत की है. उनका मानना है कि प्रत्यक्ष चुनाव से जो मेयर 5 साल के लिए चुनकर आएंगे, वे ही शहरों को स्मार्ट बनाने में कारगर साबित हो सकते हैं. 2014 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने 100 शहरों को स्मार्ट बनाने का वादा किया था. मगर 98 शहरों को सरकार ने फ्लैगशिप प्रोजेक्ट के लिए चुना, जिसमें प्रत्येक के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए. आलोचकों का कहना है कि परियोजना में प्रगति बहुत ही धीमी रही है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट किया ‘असली स्मार्ट सिटी अच्छे नेताओं द्वारा बनायी जाती हैं. शहरों में जीवन स्तर सुधारने के लिए हम सीधे तौर पर 5 साल के लिए निर्वाचित मेयर और निर्वाचित परिषदों के साथ मिलकर काम करेंगे. प्रशासन विशेषज्ञों की बहुद्देशीय टीमों द्वारा संचालित किया जाएगा. ये टीमें मेयर एवं परिषदों के प्रति जवाबदेह होंगी.’

स्मार्ट शहरों की परियोजना के तहत, जनवरी 2016 में 20 शहरों की घोषणा की गई, इसके बाद मई 2016 में 13 शहर, सितंबर 2016 में 27 शहर और जून 2017 में 30 शहरों के नामों का ऐलान किया गया था. 99 स्मार्ट सिटी मिशन के लिए कुल प्रस्तावित निवेश लगभग 2.03 लाख करोड़ रु है.

कांग्रेस अपना घोषणापत्र जारी करने के लिए तैयार है, लेकिन राहुल गांधी पिछले महीने से ही अपनी मुख्य विशेषताओं को अपने ट्विटर अकाउंट से साझा कर रहे हैं. इससे पहले राहुल गांधी ने न्याय योजना यानी न्यूनतम आमदनी गांरटी योजना के तहत देश के 20 फीसदी सबसे गरीब परिवारों को सालाना 72 हजार रुपये देने का वादा कर चुके हैं. चुनाव से पहले वादों की फेहरिस्त में राहुल गांधी का यह वादा सबसे चर्चा में है.

इसके अलावा राहुल गांधी ने एक और बड़ा वादा किया है. सोमवार को राहुल गांधी ने वादा किया किय अगर उनकी सरकार सत्ता में आती है तो महज 10 महीने के भीतर 22 लाख सरकारी वैकेंसी को उनकी सरकार पूरा करेगी. राहुल गांधी कांग्रेस का घोषणापत्र मंलगवार को जारी करेंगे. अब देखना होगा कि पार्टी के घोषणापत्र में स्मार्ट सिटी बनाने पर जोर होगा या नहीं. कांग्रेस के घोषणापत्र में किसान की कर्ज माफी, नीति आयोग को खत्म करने से लेकर दलितों एवं ओबोसी समुदायों के लिए कई प्रमुख वादे हो सकते हैं.

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